Google Doodle Today: कौन हैं Angelo Moriondo? जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

Google Doodle Today 6 June 2022: एंजेलो मोरियोनडो की 171 वीं जयंती के अवसर पर सर्च इंजन गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. आइए जानते हैं कौन हैं एंजेलो मोरियोनडो और आज का इतिहास.

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Angelo Moriondo Google Doodle Angelo Moriondo Google Doodle

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST
  • 6 जून 1851 को हुआ था एंजेलो मोरियोनडो का जन्म
  • एंजेलो ने एस्प्रेसो मशीन का किया था अविष्कार

Google Doodle Celebrates Angelo Moriondo 171st Birthday: दुनिया के हर कोने में आपको कॉफी लवर्स मिल जाएंगे. इन कॉफी लवर्स में से कुछ ऐसे होंगे जिन्हें एस्प्रेसो पसंद होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कौन हैं एस्प्रेसो मशीन के गॉडफादर? सर्च इंजन गूगल (Google) ने आज, 6 जून 2022 को डूडल (Doodle) बनाकर एस्प्रेसो मशीन के आविष्कारक एंजेलो मोरियोनडो (Angelo Moriondo) को उनकी 171 वीं जयंती के अवसर पर याद किया है. 

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गूगल डूडल में क्या दिख रहा?
एंजेलो मोरियोनडो की 171 वीं जयंती के अवसर पर गूगल ने पूरी तरह से कॉफी से बनी कलाकृति में एस्प्रेसो मशीन को दर्शाने वाला एक GIF बनाया है. यह डूडल ओलिविया व्हेन ने बनाया है. 

कौन थे एंजेलो मोरियोनडो? 
एंजेलो मोरियोनडो का जन्म 6 जून, 1851 को इटली के ट्यूरिन में, व्यवसायियों के एक परिवार में हुआ था. मोरियोनडो के दादा ने एक शराब उत्पादन कंपनी की स्थापना की, जिसे उनके बेटे (एंजेलो के पिता) को सौंप दिया गया था, जिन्होंने बाद में अपने भाई और चचेरे भाइयों के साथ लोकप्रिय चॉकलेट कंपनी "मोरियोंडो और गैरीग्लियो" की शुरू की . अपने परिवार के नक्शेकदम पर चलते हुए, मोरियोनडो ने दो प्रतिष्ठान खरीदे, पहला शहर के केंद्र पियाज़ा कार्लो फेलिस में ग्रैंड-होटल लिगुर और दूसरा, गैलेरिया नाज़ियोनेल में अमेरिकन बार वाया रोमा. 

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क्यों किया मशीन का अविष्कार?
इटली में कॉफी की लोकप्रियता को देखते हुए मोरियोनडो ने सोचा की एक बार में कई कप कॉफी बनाने से वह ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को कॉफी सर्व कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिलेगी. 

कैसी थी मशीन?
उनकी मशीन में कॉफी बनाने के लिए भाप और उबलते पानी के संयोजन का इस्तेमाल किया. उनकी एस्प्रेसो मशीन में एक बड़ा बॉयलर था गर्म पानी को कॉफी बेड की तरफ फोर्स से भेजता था. वहीं, दूसरा बॉयलर भाप पैदा करता था जिससे कॉफी बनने में मदद मिलती थी. मोरियोनडो ने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी एस्प्रेसो मशीन की शुरुआत की, जहां उसे कांस्य पदक मिला. 

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