शांतिनिकेतन: वो यूनिवर्सिटी, जहां पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते हैं छात्र, गुरुकुल स्टाइल में होती है पढ़ाई

सरकार द्वारा वित्त पोषित इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध 10 उप-संस्थान भी हैं जो हायर एजुकेशन में अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध हैं. यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट, पोस्‍टग्रेजुएट और डॉक्टरेट स्‍तर के कोर्सेज़ कराती है जबकि पढ़ाई का तरीका अब भी प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धति से प्रेरित है.

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Visva Bharti University Shantiniketan Visva Bharti University Shantiniketan

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 20 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST
  • यूनिवर्सिटी की शुरुआत रबींद्रनाथ टैगोर ने 1901 में केवल 5 छात्रों के साथ की थी
  • आज यहां 6 हजार से भी ज्‍यादा छात्र छात्राएं पढ़ते हैं

देश के गृहमंत्री अमित शाह रविवार 20 दिसंबर काे पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शांतिनिकेतन के दौरे पर हैं. यहां उन्‍होंने गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी और विश्‍वभारती यूनिवर्सिटी के सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए. शांतिनिकेतन का विश्‍वभारती विश्‍वविद्यालय कई मामलों में देश के अन्‍य विश्‍वविद्यालयों से अलग भी है और खास भी. रबींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने सन 1863 में 7 एकड़ जमीन पर एक आश्रम की स्‍थापना की थी जहां बाद में रबींद्रनाथ ने इस विश्‍वविद्यालय को स्‍थापित किया और इसे विज्ञान के साथ कला और संस्‍कृति की पढ़ाई का भी केन्‍द्र बनाया. 

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सरकार द्वारा वित्त पोषित इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध 10 उप-संस्थान भी हैं जो हायर एजुकेशन में अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध हैं. यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट, पोस्‍टग्रेजुएट और डॉक्टरेट स्‍तर के कोर्सेज़ कराती है जबकि पढ़ाई का तरीका अब भी प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धति से प्रेरित है. यूनिवर्सिटी में आज भी गुरुकुल पद्धति पर छात्रों को पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ते देखा जा सकता है. यहां दुनियाभर की किताबों की लाइब्रेरी भी है. 

बीते अगस्‍त यूनिवर्सिटी कैंपस, हिंसा की खबरों को लेकर चर्चा में रहा था. विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के चारों ओर दीवार बनाने का प्रस्‍ताव मंजूर किया था जिसके बाद स्‍थानीय लोगों ने इस फैसले के खिलाफ यूनिवर्सिटी में जमकर तोड़फोड़ की थी. हालांकि, ऐसी घटनाओं से इतर, यून‍िवर्सिटी अपने शांत और प्राकृतिक वातावरण के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है.

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शांतिनिकेतन की प्राकृतिक छटा देखने लायक है और यह देश-दुनिया के लिए पर्यटन का केन्‍द्र भी है. यहां त्‍योहारों को भी बड़े धूम-धाम से मनाने की परम्‍परा है और देशभर से लोग होली और दीपावली के मौके पर यहां की रौनक देखने आते हैं. अपने खानपान के लिए भी शांतिनिकेतन देशभर में जाना जाता है. यहां की फिशकरी पूरे बंगाल में लोकप्रिय है. 

यूनिवर्सिटी की शुरुआत रबींद्रनाथ टैगोर ने 1901 में केवल 5 छात्रों के साथ की थी. 1921 में इसे राष्‍ट्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा मिला और आज यहां 6 हजार से भी ज्‍यादा छात्र छात्राएं पढ़ते हैं. 

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