मुंबई: अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में बड़ा खुलासा, निकला चीन कनेक्शन

आरोपी ने खुलासा किया है कि तीन चाइनीज कंपनियां शामिल थीं, जिसने कॉल को रूट करने और एक्सचेंज को पैसे कमाने में मदद की. उपकरण चीन से खरीदा गया था.

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प्रतीकात्म फोटो प्रतीकात्म फोटो

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 18 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:30 PM IST

  • एक्सचेंज संचालित करने में चीनी कंपनियां शामिल
  • जम्मू-कश्मीर के इलाकों में की गईं लाखों कॉल

मुंबई क्राइम ब्रांच ने पिछले महीने अवैध वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का भंडाफोड़ किया था, जिसमें अब एक्सचेंज संचालित करने वाली कुछ चीनी कंपनियों की संलिप्तता सामने आई है. क्राइम ब्रांच के सीनियर ऑफिसर ने बताया कि 7 महीने से अधिक समय तक एक्सचेंज चलाया गया. जहां से जम्मू-कश्मीर के इलाकों में लाखों कॉल की गई.

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सीनियर ऑफिसर ने कहा कि संदेह है कि इनमें से कुछ कॉल सैन्य प्रतिष्ठानों को भी की गई थी. आरोपी ने खुलासा किया है कि तीन चाइनीज कंपनियां शामिल थीं जिसने कॉल को रूट करने और एक्सचेंज को पैसे कमाने में मदद की. उपकरण चीन से खरीदा गया था. आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि वो जासूसी या एंटी नेशनल गतिविधियों में शामिल है या नहीं.

सैन्य खुफिया द्वारा प्राप्त एक जानकारी के आधार पर मुंबई क्राइम ब्रांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से 30 मई को टेलीफोन एक्चेंज पर छापा मारा था.

लोकेशन पता लगाने के लिए कॉल

जांच टीम में शामिल सीनियार ऑफिसर प्रिवय का कहना है कि इस एक्सचेंज के जरिए जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग सैन्य प्रतिष्ठानों में अधिकारियों को उनकी लोकेशन पता लगाने के लिए कॉल की जा रही थी. हमलोग आरोपी से चाइनीज लिंक के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. सीनियर अधिकारी ने बताया कि आरोपी पहले नेपाल गया था. पूछताछ और जांच में नेपाल की यात्रा का कोई संतोषजनक कारण नहीं दे सका है.

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बता दें कि इस साल के फरवरी में मिलिट्री इंटेलिजेंस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एंटी टेरर विंग के साथ एक संयुक्त अभियान में मुंबई क्राइम ब्रांच ने केरल और उत्तर प्रदेश में टेलीफोन एक्सचेंजों से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. इस दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिससे पता चला कि आरोपी का कथित हैंडलर एक चीनी नागरिक भी था.

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यह ऑपरेशन मिलिट्री इंटेलिजेंस की ओर से भी चलाया गया था. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने महीनों निगरानी के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच से जानकारी साझा की थी कि मुंबई से लैंडलाइन से एक कॉल प्राप्त हुई जिसकी लोकेशन डोंगरी है, लेकिन यह असल में सऊदी से कॉल थी. हालांकि, जब ये कॉल डोंगरी लैंडलाइन पर पहुंची तो लोकल डोमेस्टिक नंबर दिखा. इस तरह का स्थानी नंबर में हजारों अंतरराष्ट्रीय कॉलों को रूट किया जा रहा है.

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