मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहा करने के पक्ष में नहीं हैं. केंद्र सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट को बताया कि हमने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के मसले पर अपने रुख की जानकारी तमिलनाडु के राज्यपाल को दे दी है. लिहाजा अब राजीव गांधी के दोषियों को रिहा करने का तमिलनाडु मंत्रिमंडल का रिजोल्यूशन शून्य हो गया है. तमिलनाडु मंत्रिपरिषद ने राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने की मांग वाला एक रिजोल्यूशन पास किया था.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पिछले 28 साल से जेल में बंद हैं. इनकी रिहाई को लेकर कई बार अपील भी की जा चुकी है. सितंबर 2018 में तमिलनाडु विधानसभा ने राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए एक रिजोल्यूशन पास किया था. इसके बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था. हालांकि राज्यपाल ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था.
ये भी पढ़ें: स्टडी में खुलासा, एंटीबायोटिक्स से शुरुआती डिमेंशिया का इलाज संभव
हाल ही में इसको लेकर वकीलों ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के सामने प्रदर्शन भी किया था और मांग की थी कि तमिलनाडु सरकार राज्यपाल पर दबाव बनाए और इस पर जल्द से जल्द फैसला लेने के लिए कहे. इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पति राजीव गांधी के हत्यारों को माफ कर दिया था. इसके अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी अपने पिता राजीव गांधी के हत्यारों को माफी दे चुके हैं.
ये भी पढ़ें: कमरों में बढ़ रही गैसें आपको बना देंगी मंदबुद्धि, जानें इसके खतरे
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था. आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी की हत्या का आरोप श्रीलंका के आतंकी संगठन लिट्टे पर लगा था. तब प्रभाकरन लिट्टे चीफ था.
अक्षया नाथ