दिल्ली से सटे गाजियाबाद के थाना कविनगर इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. मामला बीती बुधवार की देर रात का है जहां पर एक पिता और पुत्र अपनी बाइक पर सवार होकर होटल से खाना लेने गए थे. जिस वक्त वह होटल से वापस लौट रहे थे तभी अचानक ही तेज गति से आ रहे वाहन ने उन्हें रौंद डाला. इस दौरान पिता की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पुत्र कि दोनों टांग अलग हो गई. बेहोशी में होने के बावजूद वह 10 वर्षीय किशोर स्थानीय लोगों को अपना नंबर बताता रहा.
आनन-फानन में स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से गंभीर हालत में 10 वर्षीय किशोर को पास के ही सर्वोदय अस्पताल में पहुंचाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचते ही किशोर ने भी दम तोड़ दिया. उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस वाहन ने पिता और पुत्र को कुचला है, वह मौके से भागने में कामयाब हो गया. अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि आखिर इन दोनों को किस वाहन ने रौंदा था.
इस हादसे के अगले दिन किशोर की बहन की सीबीएसई की 10वीं कक्षा की परीक्षा थी. दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने पहले अपनी परीक्षा दी. उसके बाद इस साहसी बेटी ने लौटकर अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दी.
बता दें कि 43 वर्षीय रविंद्र सागर थाना कविनगर इलाके की अवंतिका जेपीवी अपार्टमेंट में अपने परिवार के साथ रह रहे थे. उनका एक 10 वर्षीय पुत्र गर्वित और एक पुत्री रिया है जो कि कक्षा 10 में पढ़ती है. रिया की सीबीएसई की परीक्षा गुरुवार से ही शुरू हुई है. रविंद्र घर के बाहर ही प्लास्टिक क्रोकरी की दुकान चलाते थे. उनके साथ घर में उनकी पत्नी रीना बेटी रिया मां लक्ष्मी देवी रहते थे. रविंद्र सागर के एक बड़े भाई हैं अनिल सागर. उनके भी दो बेटियां हैं.
गर्वित दो भाइयों के परिवार में इकलौता पुत्र था. गर्वित का रिजल्ट आने वाला था, जिसकी खुशी में दोनों बच्चों ने अपने पिता से होटल का खाना खाने के लिए आग्रह किया तो पिता ने अपने बच्चों की इच्छा पूरी करने के लिए बेटे के साथ अपनी बाइक पर सवार होकर ढाबे पर खाना लेने गए. खाना लेने के बाद जैसे ही वह घर वापस लौट रहे थे, इसी बीच हापुड़ चुंगी चौराहे के पास एक तेज गति वाहन ने उनकी बाइक को रौंद डाला और मौके से फरार हो गया.
इस दौरान रविंद्र सागर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनके बेटे की दोनों टांग अलग हो गई थी. वह बेसुध हालत में भी मौजूद लोगों को अपनी बहन का नंबर बता रहा था. आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों ने गर्वित को गंभीर हालत में सर्वोदय अस्पताल पहुंचाया. लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसने भी दम तोड़ दिया.
बहरहाल इस हादसे में पिता और पुत्र दोनों की ही मौत हो गई. जैसे ही इस दर्दनाक हादसे की जानकारी उनके परिजनों और रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को मिली तो इलाके में कोहराम मच गया.
उनकी बेटी रिया का दसवीं कक्षा का सीबीएसई का गुरुवार को पेपर था. रिया ने बेहद हिम्मत से काम लेते हुये पहले अपना पेपर दिया. उसके बाद अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दी. जिस वक्त रिया अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दे रही थी, वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई. हर किसी के मन में यह सवाल था कि आखिर अब इस परिवार का लालन-पालन किस तरह से होगा. बच्ची की इस हिम्मत के भी लोग कायल हो गए.
उधर रिया का कहना है कि उसके पिता का सपना था कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने. रिया ने कहा कि अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए वह एक अच्छी डॉक्टर बनेगी.
तनसीम हैदर