मणिपुर पुलिस ने कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (केएसओ) दिल्ली के अध्यक्ष पाओजाखुप गुइटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. गुइटे पर आरोप है कि उन्होंने एक वायरल वीडियो में मैतेई समुदाय के लोगों को आगामी शिरुई लिली फेस्टिवल में हिस्सा लेने से रोकने की धमकी दी थी. दावा किया जा रहा है कि उन्होंने वीडियो में कहा है, ''कोई मैतेई, चाहे पुरुष हो या महिला, जिंदा लौटना नहीं चाहिए.''
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चुराचांदपुर थाने में पाओजाखुप गुइटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी के लिए आसपास के जिलों में छापेमारी शुरू हो गई है. इसके अलावा मिजोरम, नागालैंड, असम और मेघालय की पुलिस से भी मदद मांगी गई है. वहां की पुलिस से उनको जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है. पुलिस की कई टीमें उनकी तलाश में लगी हैं.
एक्स पर एक पोस्ट में मणिपुर पुलिस ने कहा, "केएसओ दिल्ली के अध्यक्ष पाओजाखुप गुइटे द्वारा मैतेईस को (एक वीडियो में) धमकी देने के संबंध में, जो कल से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है, चुराचांदपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है. उसकी तत्काल गिरफ्तारी के लिए आस-पास के जिलों में छापेमारी सहित सभी प्रयास किए जा रहे हैं.". शिरुई लिली फेस्टिवल में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
पाओजाखुप गुइटे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडिजिनस पीपल्स फोरम मणिपुर के अध्यक्ष और नागा कार्यकर्ता अशांग कासर ने कहा, "मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के दौरान, ऐसी गतिविधियों की अनुमति क्यों दी गई? राज्यपाल कहां हैं? मुख्य सचिव कहां हैं? डीजीपी कहां हैं?" शिरुई उत्सव राज्य के फूल शिरुई लिली के सम्मान में आयोजित किया जाता है, जो उखरुल जिले की पहाड़ियों में पाया जाता है.
यह उत्सव 20 मई से 24 मई तक आयोजित किया जाएगा. इंफाल से उखरुल जिला मुख्यालय तक का लगभग 80 किलोमीटर का मार्ग कई कुकी गांवों से होकर गुजरता है. इस बीच कुकी प्रमुखों ने तंगखुल नागा जनजाति के शीर्ष संगठन टीएनएल को त्योहार के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का आश्वासन दिया है. टीएनएल क्षेत्र में आने-जाने वालों की तलाशी नहीं लेने के अपने पहले के फैसले की पुष्टि की है.
मई 2023 से अब तक इंफाल घाटी स्थित मैतेईस और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों में बहुसंख्यक हैं. केंद्र ने 13 फरवरी को एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है.
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