J&K में आतंकी फंडिंग और भर्ती मॉड्यूल का भंडाफोड़, 10 आतंकी गिरफ्तार, PAK से चल रहा था नेटवर्क

जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने आतंकवादी फंडिंग और भर्ती मॉड्यूल से जुड़े एक अत्यंत संवेदनशील मामले में बड़ी कार्रवाई की है. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने घाटी के श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम और गंदेरबल जिलों से कुल 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया है.

Advertisement
जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग की बड़ी कार्रवाई. (File Photo: ITG) जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग की बड़ी कार्रवाई. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने आतंकवादी फंडिंग और भर्ती मॉड्यूल से जुड़े एक अत्यंत संवेदनशील मामले में बड़ी कार्रवाई की है. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने घाटी के श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम और गंदेरबल जिलों से कुल 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इन सभी पर पाकिस्तान के निर्देश पर आतंकवादी गतिविधियों के समन्वय, वित्तपोषण और उन्हें अंजाम देने का आरोप है.

Advertisement

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई दो वर्ष पुराने एक मामले की जांच के तहत की गई. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया था. जांच के दौरान पुलिस ने एक साथ 10 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें तकनीकी संकेतों के विश्लेषण ने इस नेटवर्क को पाकिस्तान से जोड़ने की पुष्टि की है.

कौन है आतंकी हैंडलर, जो चला रहा था नेटवर्क?

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ये सभी संदिग्ध एक विशेष एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन के जरिए लगातार संपर्क में थे. इसी एप्लिकेशन का उपयोग आतंकी संगठनों द्वारा रिक्रूटमेंट, फंडिंग और हमलों के समन्वय के लिए किया जा रहा था. यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी हैंडलर अब्दुल्ला गाजी संचालित कर रहा था, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़ा हुआ है.

Advertisement

आतंकी माॉड्यूल में आईएसआई का रोल क्या है?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, अब्दुल्ला गाजी का संपर्क इन स्थानीय संदिग्धों से लगातार बना हुआ था. वह आईएसआई के साथ मिलकर कश्मीरी युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा के जरिए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश कर रहा था. सीआईके (काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर) की ओर से इस ऑपरेशन की योजना गोपनीय और अत्यंत सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी. 

क्या है इस पुलिस ऑपरेशन का असली मकसद?

सर्च ऑपरेशन के दौरान कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं. इन डेटा का विश्लेषण कर आतंकी नेटवर्क की पूरी संरचना और उसकी जड़ों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल गिरफ्तारियां करना नहीं, बल्कि कश्मीर में फल-फूल रहे आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह ध्वस्त करना है. 

ओवरग्राउंड वर्कर्स, आतंकी सहयोगियों की पहचान

इसमें उन ओवरग्राउंड वर्कर्स और आतंकी सहयोगियों की पहचान की जा रही है, जो युवाओं को बरगला कर आतंकवाद की ओर धकेल रहे हैं. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई घाटी के युवाओं को आतंकवाद के चंगुल से बचाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है. डिजिटल संचार माध्यमों के दुरुपयोग पर रोक, पाक प्रायोजित गतिविधियों का पर्दाफाश और कठोर कार्रवाई का क्रम आगे भी जारी रहेगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement