पुणे के रहने वाले सचिन और सपना (बदला हुआ नाम) एक डेटिंग ऐप एडवेंचर सीकिंग पर एक-दूसरे से मिले. प्यार की तलाश में भटक रहे सचिन को लगा कि सपना उसके लिए परफेक्ट रहेगी. कुछ दिनों की बातचीत के बाद सपना ने अपना नंबर दिया, जिसके बाद टेलीग्राम पर दोनों की अंतरंग बातचीत होने लगी. दोनों अपने प्राइवेट फोटो भी एक-दूसरे को भेजने लगे. फिर एक दिन तय हुआ कि होटल में मिला जाए. सचिन ने पुणे गेट होटल में अपने लिए एक कमरा बुक करा लिया. सपना सचिन से मिलने पहुंची. उससे पहले कि दोनों के बीच किसी तरह का संबंध बनता सपना ने अपनी कुछ मजबूरी बताकर सचिन से 12 हजार रुपए अर्जेंट मांगा. उसने तुरंत दे दिया. वो तो संबंध बनाने के लिए बेकरार था, लेकिन लड़की कुछ और सोच कर आई थी. उसने दोबारा उससे 38 हजार रुपए मांगे.
सचिन को अब समझ में आने लगा था कि सपना उसके साथ धोखाधड़ी कर रही है. उसने पैसे देने से मना कर दिया. इसके बाद उस लड़की ने कहीं कॉल किया, जिसके बाद कुछ लोग होटल के उनके कमरे में आ गए. सचिन की जमकर धुलाई कर डाली. उसके पास मौजूद पैसे, घड़ी, सोने की चैन-अंगूठी, सब कुछ लूट कर वहां से फरार हो गए. प्यार में लुटे आशिक की तरह सचिन किसी तरह से हिम्मत बांधकर थाने पहुंचा. पुलिस के सामने अपनी आपबीती बताई. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 394, 506 और 34 के तहत 90 हजार के लूट का केस दर्ज कर लिया. आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई. इधर सपना और उसके साथ मुंबई में एक शिकार की तलाश में लगे हुए थे. उसी दौरान पुणे पुलिस को उनके मंसूबों के बारे में पता चल गया. पुलिस ने वहां जाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
ये तो रही पुणे के सचिन की कहानी, जो कि लकी था कि उसके केस में आरोपी गिरफ्तार हो गए. हर साल बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं. उनमें युवा ज्यादातर शामिल हैं, जो कि सच्चे प्यार की तलाश में डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. 'टिडर', 'जुस्क', 'बम्बल', 'हैपन', 'मैच', 'वन्स', 'हिज', 'हगल', 'द लीग', 'चैपी', 'प्लेंटी ऑफ फिश' और 'लेस्ली' जैसी तमाम ऐप्स मौजूद हैं, जहां लोग डेटिंग के लिए मौजूद हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने देश में इस समय करीब 3 करोड़ लोग डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये संख्या साल 2024 तक 5 करोड़ हो जाएगी. इसके साथ ही डेटिंग ऐप्स की इंडस्ट्री करीब 3 हजार 700 करोड़ रुपए की है, जो अगले दो वर्षों में लगभग 6 हजार 500 करोड़ रुपए तक हो जाएगी. भारतीय युवा औसतन तीन घंटे इन डेटिंग ऐप्स पर बिताते हैं.
डेटिंग ऐप्स के शिकार लोगों की हैरान कर देने वाली कहानियां...
लंदन से एमबीए लड़की डेटिंग ऐप के जरिए लूटती थी
इसी साल 10 अक्टूबर की बात है. गुरुग्राम के रहने वाले एक शख्स ने सेक्टर 29 थाने में शिकायत दर्ज कराई कि डेटिंग ऐप बम्बल के जरिए उससे दोस्ती करने वाली एक महिला ने उसे लूट लिया है. उसने बताया कि डेटिंग ऐप के जरिए उस महिला से उसकी दोस्ती हुई थी. 1 अक्टूबर को उसने फोन करके मिलने की इच्छा जताई. गुरुग्राम के सेक्टर 47 में एक बार के पास दोनों मिले. एक ठेके से शराब खरीदी और घर पर आ गए. वहां पहुंचने पर दोनों शराब पीने लगे. इस बीच लड़की ने आईसक्यूब मंगाने के बहाने किचन में भेज दिया. उसी दौरान उसकी ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया. इसके बाद पीड़ित बेहोश हो गया. तीन दिन वैसे ही पड़ा रहा. होश आने पर पता चला कि वो तो लुट चुका है. उसके सोने की चेन, आईफोन, 10 हजार कैश, क्रेडिट और डेबिट कार्ड लेकर महिला फरार हो चुकी थी.
इतना ही नहीं उसके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 1.78 लाख रुपए भी निकाले गए थे. पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. उसकी तलाश के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई. कुछ दिनों बाद ही पुलिस आरोपी महिला तक पहुंच गई. उसे दिल्ली स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने उसके कब्जे से 1 सोने की चेन, 15 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 160770 रुपए नकद, 2 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन और 1 घड़ी बरामद की है. बताया गया कि आरोपी महिला दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद लंदन से एमबीए की पढाई करके लौटी थी. वह कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम कर चुकी है. लेकिन एक बार एक शख्स को लूटने के बाद उसने इसे अपना धंधा बना लिया. इसका एक गिरोह था, जिसमें उसके साथ दो लोग काम कर रहे थे.
स्विस लड़की का दिल्ली के एक लड़के ने किया कत्ल
साल 2021 में स्विटजरलैंड की राजधानी ज्यूरिख की रहने वाली नीना बरगर डेटिंग ऐप के जरिए दिल्ली के गुरप्रीत सिंह के संपर्क में आई. कुछ दिनों की बातचीत के बाद दोनों में प्यार हो गया. इसके बाद गुरप्रीत उससे मिलने ज्यूरिख जा पहुंचा. ये सिलसिला कई बार पर चला. गुरप्रीत उससे शादी करना चाहता था. इस बारे में उसने कम से कम छह से सात बार उससे बात की थी. लेकिन उसने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. नीना का इनकार गुरप्रीत को नागवार गुजरा. इसी के बाद 2023 में ही उसने उसको रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया था. इसी साजिश के तहत 11 अक्टूबर को भारत घुमाने के बहाने उसने नीना को दिल्ली बुलाया. कत्ल से दो दिन पहले 16 अक्टूबर को जनकपुरी की एक दुकान से 600 रुपये में एक जंजीर और ताला खरीदा. इसके बाद में उसी जंजीर और ताले से नीना के हाथ पैर बांध दिए.
18 अक्टूबर की रात सेंट्रो कार के अंदर ही गला घोंटकर नीना को मार डाला. उसी सेंट्रो कार में उसकी लाश दो दिनों तक पड़ी रही. इसी बीच मौका देखकर तिलक नगर इलाके में एक सरकारी स्कूल के पास उसके शव को काली पॉलिथिन में डालकर फेंक आया. 20 अक्टूबर को एक दूधवाला की नजर पड़ी. पॉलिथिन पर टेप लगा था. लेकिन अंदर से तेज बदबू आ रही थी. दूधवाले को अंदाजा हो चुका था कि अंदर किसी की लाश है. उसने जिस जगह लाश पड़ी थी उसके ठीक सामने वाले मकान में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी. फौरन पुलिस को इत्तेला दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस की टीम लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस ने आरोपी को पहचान लिया. उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तब जाकर खौफनाक खुलासा हुआ. फिलहाल आरोपी में जेल में बंद है.
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लॉकडाउन में नौकरी गई तो डेटिंग ऐप से लूटने लगी
पुणे की रहने वाली एक 27 वर्षीय लड़की एक कॉल सेंटर में काम करती थी. कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से उसकी नौकरी चली गई. पिता की मौत हो चुकी थी. इसलिए परिवार की सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी. उसने कई जगह नौकरी मांगने की कोशिश की, लेकिन कहीं मिली नहीं, तो उसके दिमाग में एक खतरनाक आइडिया आया. लॉकडाउन के वक्त ज्यादातर लोग खाली थे. सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स का जमकर इस्तेमाल कर रहे थे. आरोपी महिला ने ऐसे लोगों को फंसाने के लिए डेटिंग ऐप्स पर कई फेक प्रोफाइल बनाई. इसके जरिए लोगों से दोस्ती करने लगी. जो भी उसकी जाल में फंस जाता, वो उससे मिलने के बहाने उसके घर जाती. उसकी ड्रिंक में नशिली दवा मिला देती. इसके बाद जब पीड़ित बेहोश हो जाते तो उन्हें लूटकर फरार हो जाती है. इस दौरान सारे सबूत नष्ट कर देती.
पुणे के कई लोगों ने अनाम शिकायत दर्ज कराई. इस तरह के मामले बढ़ते देख पुलिस सतर्क हो गई. लोगों द्वारा दिए गए सबूत के आधार पर पुलिस ने आरोपी महिला की पहचान कर ली. इसके बाद उसे फंसाने के लिए पुलिस ने एक फेक प्रोफाइल बनवाई. उसके जरिए उससे दोस्ती करवाई. फिर मिलने के लिए बुलाया गया. आरोपी हमेशा की तरह पहुंची और बहाने बनाकर ड्रिंक में नशिली दवा मिला दी. उसी दौरान पुलिस की टीम ने पहुंचकर उसे दबोच लिया. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया था कि आरोपी की मां अक्सर बीमार रहती थी. उन्हें सुलाने के लिए डॉक्टर ने एक दावा लिखी थी. आरोपी उसी प्रिस्क्रिप्शन को दिखाकर वो दवा खरीद लेती थी. उसके बाद अपने शिकार को बेहोश करने के लिए उसका इस्तेमाल करती थी. उसने महज एक साल में 16 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया था.
डेटिंग ऐप्स इस्तेमाल करने में दूसरे नंबर पर भारत
भारत में दुनिया भर में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा डेटिंग ऐप्स इस्तेमाल किया जाता है. पहले नंबर पर अमेरिका है, लेकिन यहां इसके जरिए होने वाले अपराध की संख्या बहुत ज्यादा है. ऑनलाइन डेटिंग का फैशन पश्चिमी देशों से होता हुआ भारत पहुंचा है. सबसे पहला डेटिंग एप 1995 में शुरू हुआ था, जिसका नाम 'मैच डॉट कॉम' था. इसके बाद 2000 में 'ईहार्मनी' और 2002 में 'एश्ले मैडिसन' शुरू हुआ, जिन्होंने ऑनलाइन डेटिंग का शुरुआती क्रेज बनाया. साल 2012 में 'टिंडर' लॉन्च हुआ, जो पहला डेटिंग एप था, जिसमें स्वाइप की सुविधा थी. साल 2014 तक टिंडर पर दुनियाभर में रोजाना की दर से एक अरब जोड़ों के मैच हो रहे थे. इसी साल टिंडर की को-फाउंडर व्हाइटनी वोल्फ ने 'बम्बल' शुरू किया, जो महिला प्रधान डेटिंग एप है. भारत में डेटिंग एप पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या तीन गुना ज्यादा है.
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