NIA अफसर मर्डर: यूपी पुलिस की नई थ्योरी के बीच तीन पुलिसकर्मी निलंबित

एनआईए अफसर तंजील अहमद मर्डर केस में शुरूआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि ये हत्या प्रॉपर्टी और व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते हुई है. वहीं, इस मामले में लापरवाही को लेकर एक चौकी प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस वारदात की सूचना देने वाले शख्स को चौकी प्रभारी ने धमकाया था.

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दिवंगत एनआईए अफसर तंजील अहमद दिवंगत एनआईए अफसर तंजील अहमद

मुकेश कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

एनआईए अफसर तंजील अहमद मर्डर केस में शुरूआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि ये हत्या प्रॉपर्टी और व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते हुई है. वहीं, इस मामले में लापरवाही को लेकर एक चौकी प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस वारदात की सूचना देने वाले शख्स को चौकी प्रभारी ने धमकाया था.

पुलिस अधीक्षक सुभाष सिंह बघेल ने बताया कि थाना स्योहारा के सहसपुर चौकी प्रभारी सुरेन्द्र सिंह और सिपाही बुध सिंह को बीते शनिवार आधी रात के बाद चौकी के करीब हुए इस हत्याकांड में घोर लापरवाही के आरोप मे निलंबित कर दिया गया है. चौकी इंचार्ज ने इस घटना की प्राथमिक सूचना देने वाले शख्स आलम को फोन पर धमका दिया था.

जानकारी के मुताबिक, तंजील अहमद के पास दिल्ली के जामिया नगर में एक दुकान थी. इसे उन्होंने अपने बहनोई को दे दिया था. इसमें कपड़ों की दुकान है. बहनोई ने बाद में उस दुकान के बदले अपना एक मकान तंजील को दे दिया. उस मकान को बेचकर उन्होंने एक नई दुकान खरीदी. इसकी कीमत करीब 25 लाख रुपये है. इसे फरवरी में खरीदा गया था.

प्रॉपर्टी विवाद में हत्या का शक
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, इस दुकान का पेमेंट एसबीआई और सेंट्रल बैंक के अकाउंट से किया गया था. बेशक ये प्रॉपर्टी विवाद की वजह ना हो. लेकिन तंजील ने किसी प्रॉपर्टी को लिया था, जिसमें उन्होंने बेईमानी कर ली थी. इसकी वजह से विवाद पैदा हुआ और इस हत्या को अंजाम दिया गया. करीब सात लोगों को अब तक हिरासत में लिया गया है.

मुनीर नामक शख्स की तलाश
पुलिस को अभी तक मुनीर नामक शख्स नहीं मिला है. उसके मिलते ही पूरी कहानी सामने आ जाएगी. हत्या से पहले रेहान और मुनीर साथ थे. मुनीर आपराधिक पृष्ठभूमि का है. वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र रहा है. उसने दो साल पहले तंजील की तरह फहाद नामक एक शख्स की हत्या 9MM पिस्तौल की थी. सभी आरोपी संभल के सहसपुर के हैं.

मोबाइल फोन का डाटा हासिल

इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (आर्थिक अपराध शाखा) दीपक रतन ने कहा कि तंजील के मोबाइल फोन का डाटा हासिल हो गया है. ये मोबाइल गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था. मोबाइल फोन डाटा मिलने से जांच में मदद मिल सकती है. इस मामले की जांच के लिए छह टीमों का गठन किया गया है.

आलाधिकारी कर रहे हैं कैंप
बताते चलें कि अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था), पुलिस महानिरीक्षक (एटीएस), पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) और मुरादाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक बिजनौर में कैम्प किए हुए हैं. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है, जिसमें निजी और पेशेवर दुश्मनी शामिल है. बहुत जल्द खुलासे की उम्मीद है.

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