गोवा पुलिस के इन 14 सवालों पर भारी सूचना सेठ की खामोशी, एक 'ओपन एंड शट केस' ऐसे बना मुसीबत

Goa Murder Case: पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि सूचना सेठ किसी भी कीमत पर अपने बेटे को उसके पापा यानी अपने पति वेंकट से नहीं मिलने देना चाहती थी. इसीलिए वो बार-बार बेंगलुरु से भाग रही थी. उसने एक हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया और दूसरी में उसने अपने बेटे की हत्या कर दी.

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नया खुलासा हुआ है कि सूचना सेठ ने हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया था. नया खुलासा हुआ है कि सूचना सेठ ने हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया था.

दिव्येश सिंह

  • पणजी,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST
  1. तुमने अपने ही बच्चे का कत्ल क्यों कर दिया? 
  2. इस वारदात के पीछे तुम्हारा मकसद क्या था? 
  3. आख़िर ऐसा क्या हुआ कि तुमने इतना भयानक कदम उठा लिया? 
  4. आख़िर ऐसी क्या बात थी कि तुम्हें लगा कि बच्चे को मार देना ही इकलौता रास्ता बचा है? 
  5. तुमने होटल के कमरे में देर तक लाश क्यों छुपाए रखी? 
  6. तुम बच्चे की लाश को सूटकेस में भर कर बेंगलुरु क्यों ले जाना चाहती थी? 
  7. यदि तुम लाश के साथ बेंगलुरु पहुंचने में कामयाब हो जाती, तो वहां लाश के साथ क्या करती? 
  8. लाश को ठिकाने लगाने की तुम्हारी क्या प्लानिंग थी? 
  9. क्या तुम इसे एक नैचुरल डेथ बता कर उसका अंतिम संस्कार करती? 
  10. तुमने अपनी कलाई क्यों काट ली? 
  11. यदि ये खुदकुशी की कोशिश थी तो फिर किन हालात में तुम पीछे हट गई? 
  12. बेंगलुरु वापस जाने के सिर्फ दो दिन बात तुम क्यों वापस लौट आई? 
  13. क्या तुमने क़त्ल के लिए ही गोवा को चुना था? 
  14. यदि हां, तो तुमने 7 जनवरी को वेंकट को बच्चे से मिलने के लिए क्यों बुलाया? 

गोवा पुलिस बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुई सूचना सेठ से पहले दिन से ही ये सारे सवाल कर रही है, लेकिन उसने किसी का भी खुलकर जवाब नहीं दिया है. पुलिस अब मनोवैज्ञानिक के जरिए उसके दिमाग में घुसना चाहती है. लेकिन वारदात को सामने आए लंबा वक्त गुजरने के बावजूद मोटिव क्लियर नहीं है. यदि एक वक्त के लिए मान भी लिया जाए कि वो अपने बच्चे को लेकर इनसिक्योर थी.

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वो नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बेटे से मिले. कहीं इस मिलने-मिलाने के चक्कर में बेटा उसके पति के पास ही ना चला जाए. यानी वो बेटे को किसी कीमत पर खुद से अलग नहीं करना चाहती थी, तो फिर सवाल ये उठता है कि आखिर इस मानसिक हालत में उसने बेटे की जान क्यों ले ली? क्योंकि जान लेने पर भी बेटे को तो उससे दूर ही चले जाना था. बल्कि हमेशा-हमेशा के लिए दूर चले जाना था. इस तरह मर्डर के मोटिव पर सवाल है. 

इस बीच गोवा पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि सूचना सेठ किसी भी कीमत पर अपने बेटे को उसके पापा यानी अपने पति वेंकट से नहीं मिलने देना चाहती थी. इसीलिए वो बार-बार बेंगलुरु से भाग रही थी. उसने एक हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया और दूसरी में उसने अपने बेटे की हत्या कर दी. पुलिस की मानें तो सूचना पिछली बार रविवार, 31 दिसंबर 2023 को बेंगलुरु से अपने बेटे के साथ गोवा आई और नए साल पर वो गोवा में ही रुकी.

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उसने अपने लिए साउथ गोवा में एक फाइव स्टार होटल का कमरा बुक करवाया था. 5 दिन रुकने के बाद उसने 4 जनवरी को वहां से चेकआउट किया और फिर बच्चे के साथ ही बेंगलुरु लौट गई. एक खास बात ये भी रही कि 31 दिसंबर को जब सूचना अपने बच्चे को लेकर पहली बार गोवा आई, तब उसने अपने पति वेंकट से कहा कि उनके बेटे की तबीयत खराब है, इसलिए इस संडे उसके बेटे की उससे मुलाकात नहीं हो सकेगी.

वारदात के खुलासे के 10 दिनों बाद भी नहीं मिले सवालों के जवाब

हालांकि बेंगलुरु पहुंचने के बाद सूचना सेठ सिर्फ दो दिन तक वहां रही और इससे पहले कि रविवार यानी संडे का दिन आता, वो 6 जनवरी शनिवार को फिर से अपने बेटे को लेकर गोवा चली आई. इस बार उसने नॉर्थ गोवा के कैंडोलिम इलाके में द सोल बनयान ग्रैंडे होटल में कमरा लिया और अपने बेटे के साथ चेकइन कर लिया. वैसे तो पुलिस सूचना के हाथों उसके चार साल के बेटे के कत्ल के केस को एक ओपन एंड शट केस मान कर चल रही थी.

पुलिस ने वारदात के सामने आने के चंद घंटे बाद ही ना सिर्फ बच्चे की लाश बरामद कर ली, बल्कि हत्या के इल्जाम में बच्चे की मां को भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हकीकत यही है कि इस वारदात का खुलासा हुए 10 दिनों का वक़्त गुजर जाने के बावजूद फिलहाल इसको लेकर बेशुमार सवाल हैं. यहां तक कि कत्ल का मोटिव भी पूरी तरह साफ नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि सूचना ने अपना मुंह सील रखा है.

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गोवा मर्डर केस: 'पैरेंटल थेरेपी' ले रही थी सूचना सेठ, बेटे के कत्ल से पहले गोवा में मनाई थी नए साल का जश्न

साइकोलॉजिस्ट ने चेताया, सूचना पर पुलिस ने दबाव बनाया तो...

सूचना सेठ कुछ भी बोलने को राजी नहीं है. यही वजह है कि अब पुलिस ने सूचना से सीधी पूछताछ करने की जगह उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिंग करा रही है, ताकि वो सीने में दफन राज को बाहर निकाल सके. पुलिस ने मंगलवार, 16 जनवरी को एक साइकोलॉजिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक की मदद से सूचना से नए सिरे से बातचीत करने की कोशिश की. लेकिन कहानी में मनोवैज्ञानिक की एंट्री के बावजूद उसने खुल कर किसी भी बात का जवाब नहीं दिया.

तब मनोवैज्ञानिक ने अपना सेशन पूरा होने के बाद पुलिस को ये सुझाव दिया कि वो सूचना से कत्ल के राज उगलवाने में कोई जल्दी ना करे, बल्कि उसको नॉर्मल होने और खुलने का इंतजार करें, ताकि वो खुल कर अपने दिल की बात कह सके. मनोवैज्ञानिक ने पुलिस से ये भी कहा कि यदि पूछताछ के मामले में जल्दबाजी दिखाई गई तो बहुत मुमकिन है कि सूचना अपने-आप किसी 'अदृश्य खोल' में बंद कर ले.

सूचना सेठ से पूछताछ में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है पुलिस

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यदि ऐसा हुआ त उससे कत्ल से जुड़ा कोई भी नया राज जानना मुश्किल हो जाएगा. यही वजह है कि अब पुलिस उसकी साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग भी किसी थाने में करने की बजाय गोवा के ही बंबोलिम इलाके में मौजूद इंस्टीट्यूट ऑफ सायकोलॉजिकल हेल्थ एंड हम्यूमन बिहेवियर में कर रही है, ताकि उसे एक अलग माहौल दिया जा सके. इस नए सुझाव के बाद अब गोवा पुलिस ने सूचना से पूछताछ के मामले में फूंक-फूंक कर क़दम रखने का फ़ैसला किया है.

पुलिस बंद कमरे में इस कत्ल का राज इस केस की इकलौती चश्मदीद और हत्यारोपी यानी सूचना सेठ से ही जानना चाहती है, ताकि मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई जा सके और उसके खिलाफ़ एक मज़बूत केस तैयार हो. कुछ इसी इरादे से गोवा पुलिस अभी आने वाले दिनों में मनोवैज्ञानिक के सहारे से सूचना से संवाद स्थापित करने यानी बातचीत करने की कोशिश करेगी. ताकि उसे नॉर्मल किया जा सके. 

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