मां से बच्चे में हो सकता है कोरोना वायरस संक्रमण, लेकिन...

मेडिकल जर्नल बीएमजे में प्रकाशित एक स्टडी का कहना है कि कोरोना वायरस, मां से बच्चे में जन्म से पहले, गर्भावस्था के दौरान और बाद में कभी भी हो सकता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है.

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मां से बच्चे में कोरोना वायरस संक्रमण होने का खतरा बेहद कम (सांकेतिक फोटो) मां से बच्चे में कोरोना वायरस संक्रमण होने का खतरा बेहद कम (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST
  • संक्रमित मां से 2% से भी कम बच्चे पॉज़िटिव पाए गए
  • कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित माताओं के बच्चों के पॉज़िटिव होने की संभावना ज़्यादा

वैसे तो अब हर किसी को यह पता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण किस तरह होता है. लेकिन क्या यह संक्रमण मां से अपने बच्चे को हो सकता है? इस सवाल का जवाब एक स्टडी ने दे दिया है, जिसमें कहा गया है कि मां से बच्चे में कोरोना वायरस संक्रमण होता तो है, लेकिन ऐसा बेहद कम होता है.

मेडिकल जर्नल बीएमजे में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, SARS-CoV-2 वायरस, जो कोविड-19 का कारण बनता है, वह मां से बच्चे में जन्म से पहले, गर्भावस्था के दौरान और बाद में कभी भी प्रसारित हो सकता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है. 

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संक्रमित मां से 2% से भी कम बच्चे पॉज़िटिव पाए गए

शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस से संक्रमित माताओं से जन्मे केवल दो प्रतिशत से भी कम बच्चे वायरस से संक्रमित पाए गए थे. हालांकि, उनके पॉज़िटिव पाए जाने की संभावना तब ज़्यादा होती है जब महिलाएं गंभीर रूप से कोरोना वायरस से संक्रमित होती हैं या फिर प्रसव के बाद संक्रमित होती हैं.

इस अध्ययन में दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित माताओं से पैदा हुए 14,000 से ज़्यादा बच्चों के आंकड़ों की जांच की गई थी. जांच में पाया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित माताओं से पैदा हुए 14,271 बच्चों में से 1.8 प्रतिशत ही पॉज़िटिव पाए गए थे. 

स्तनपान कराने से भी संक्रमित होने का खतरा नहीं

ब्रिटेन में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अगर मां कोरोना वायरस से संक्रमित है, तो सामान्य तौर पर जन्म लेने से और स्तनपान कराने से बच्चों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा नहीं होता. 

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शोधकर्ताओं का कहना है कि महिलाओं को सामान्य प्रसव, त्वचा से त्वचा के संपर्क और स्तनपान के ज़रिए वायरल संक्रमण के कम जोखिम के बारे में आश्वस्त किया जाना चाहिए और इसके लिए माताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. हालांकि, गंभीर रूप से संक्रमित महिलाओं से जन्म लेने वाले शिशुओं के भी संक्रमित होने की संभावना होत है, इसलिए जन्म के बाद बच्चों का टेस्ट और उन्हें मॉनिटर करने की ज़रूरत होगी.

शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि माताओं में संक्रमण और गंभीर बीमारी को रोकने के लिए, गर्भावस्था के दौरान वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. 

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