कोलकाता में हुगली के रिसड़ा में कोरोना से 6 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़कर जीतने वाले खेल और क्रीड़ा जगत से जुड़े सतादरू दत्ता ने कोरोना मरीजों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के फाउंडेशन, जीएसडब्ल्यू ग्रुप और अपने दिवंगत पिता के नाम से चलाए जाने वाले संस्था Shishir Dutta फाउंडेशन के संयुक्त सौजन्य से 60 ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस 3 वातानुकूलित बसों को लॉन्च किया है. इन बसों के द्वारा एक साथ 60 लोगों के लिए ऑक्सीजन दी जा सकती है.
बंगाल को विश्वविख्यात फुटबॉल महानायक पेले और माराडोना से रूबरू कराने वाले और वर्षों से क्रिकेटर सौरव गांगुली फाउंडेशन के साथ काम करने वाले सतादरू दत्ता बताते हैं कि जब वे खुद कोरोना से संक्रमित थे और 6 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे थे, तब उन्हें यह पता चला कि महामारी कोरोना क्या चीज है. उसी अस्पताल के बेड से उन्होंने निर्णय लिया कि आने वाले दिनों में वे अपने जैसे दूसरे कोरोना पीड़ित मरीज जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनकी मदद करेंगे.
उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर लोगों की जान सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है, इसीलिए उन्होंने फौरन फैसला किया कि वह आम और गरीब लोगों तक जीवनदायिनी मोबाइल ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कुछ करेंगे. इस बारे में जब उन्होंने क्रिकेटर सौरव गांगुली से बातचीत की तो उन्होंने इस प्रयास में मदद देने की हामी भर दी. इसके बाद उन्होंने जाने-माने औद्योगिक घराने की जीएसडब्लू ग्रुप और हुगली के जानेमाने समाजसेवी व Champdani नगरपालिका के प्रशासक सुरेश मिश्रा से बातचीत की. इन सभी के सम्मिलित प्रयास से उन्होंने एक साथ 60 लोगों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन देने वाली मोबाइल परिसेवा की 3 वातानुकूलित बसों को लांच किया.
उन्होंने बताया कि सौरव गांगुली बिल्कुल अलग हैं. वे प्रचार के लिए नहीं बल्कि अपने खुद के दिल व आत्मा को खुश रखने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं. पिछले वर्ष हुई एक घटना का उदाहरण देते हुए सतादरू दत्ता ने बताया कि महामारी कोरोना से जब बंगाल की फिल्म इंडस्ट्री टॉलीवुड आर्थिक संकट से गुजर रही थी तो सौरव गांगुली ने बंगाल के रुपहले पर्दे के नायकों की मदद के लिए टॉलीवुड सिने चैरिटेबल फंड के लिए एक बड़ी रकम अनुदान में दी थी और उन्होंने इसके बारे मे मीडिया को भनक तक नहीं लगने दी थी, लेकिन बाद मे कोलकाता के एक जाने-माने पत्रकार ने इस खबर को ब्रेक किया था. (Input-भोलानाथ साहा)
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