केरल हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को केरल-कर्नाटक सीमा पर राष्ट्रीय हाईवे 66 से सभी अवरोधक हटाने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने एडवोकेट्स एसोसिएशन की याचिका पर ये आदेश दिया. ये अवरोधक कर्नाटक की ओर से खड़े किए गए हैं. इससे पहले बुधवार तड़के केरल के कासरगोड में 7 लोगों की मौत हो गई थी क्योंकि वो जिन एम्बुलेंस पर थे, उन्हें कर्नाटक में घुसने नहीं दिया गया था.
कासरगोड, केरल का उत्तरी जिला है जो मेडिकल एमरजेंसी के लिए कर्नाटक के मंगलौर शहर पर निर्भर है. साथ ही जिले का अन्य कारोबार भी सबसे नजदीकी बड़ा शहर मंगलौर होने की वजह से उस पर टिका है.
Covid 19 संक्रमण फैलने के बाद कर्नाटक ने एनएच-66 पर सीमा को ब्लॉक कर दिया है. एमरजेंसी सर्विस वाहनों को भी कर्नाटक में घुसने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कर्नाटक ने कई साइड रोड्स को भी कीचड़ से भर दिया है जिससे कि कोई वाहन उसकी सीमा में प्रवेश नहीं कर सके.
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हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है, ‘इस संबंध में निर्देश देने में और देरी से हमारे नागरिकों की कीमती जानों का नुकसान हो सकता है. हम अपेक्षा रखते हैं कि केंद्र सरकार इस मामले में त्वरित कदम उठाएगी. केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जो अवरोधक कर्नाटक सरकार की ओर से खड़े किए गए हैं, उन्हें हटाया जाए. मंगलौर से कर्नाटक को जोड़ने वाली साइड रोड्स राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का हिस्सा है, इसलिए केंद्र ये सुनिश्चित करे कि ये रोड्स अवरोधक मुक्त हों.’
आदेश में कहा गया है, बेशक नेशनल एमरजेंसी में पाबंदियों लगाई जा सकती हैं, जैसे कि अभी जारी है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से ही डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी निर्देशों में कहा गया है कि अर्जेंट मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए यात्रा की जा सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार को इन निर्देशों को अवरोधक हटवा कर अनिवार्य रूप से लागू कराना चाहिए.
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केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अवरोधक हटाने की अपील की है. इससे पहले विजयन ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस सबंध में कई बार कर्नाटक के सीएम से बात करने की कोशिश की लेकिन वो संभव नहीं हो सका.
गोपी उन्नीथन