दिल्ली के दिलशाद गार्डन में पिछले 10 दिनों से एक भी कोरोना संक्रमण के केस नहीं पाए गए हैं. केजरीवाल सरकार का दावा है कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए ऑपरेशन शील्ड ने इस महामारी को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है. इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दिलशाद गार्डन को दिल्ली का प्रमुख हॉटस्पॉट घोषित किया था. इस इलाके में दिल्ली सरकार की तरफ से सबसे पहले ऑपरेशन शील्ड शुरू किया गया था. आज इसका असर भी दिख रहा है और यहां कोरोना का कहर थम गया है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सबसे पहले दिलशाद गार्डन में ही ऑपरेशन शील्ड चलाया गया था. मेडिकल टीम ने 15 हजारों लोगों का डाटा लेकर उसपर काम शुरू किया. हजारों लोगों को क्वारनटीन किया गया. काफी लोगों के कोरोना टेस्ट हुए और अब इस क्षेत्र को कोरोना मुक्त कर लिया गया है.'
बता दें, दिलशाद गार्डन की रहने वाली एक महिला अपने बेटे के साथ सऊदी अरब से लौटने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. वो मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने पहुंची. इस दौरान वहां डॉक्टर समेत सात अन्य लोग कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने दिलशाद गार्डन और पुरानी सीमापुरी एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया.
वहीं महिला ने 81 लोगों की पहचान की जो उनके संपर्क में आए थे. सभी की पहचान कर उन्हें क्वारनटीन किया गया. वहीं महिला के बेटे के संपर्क में आए लोगों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी कैमरे का सहारा लिया गया.
इसके बाद दिलशाद गार्डन में 123 मेडिकल टीमों का गठन किया गया. इन टीमों ने 4,032 घरों में रहने वाले 15 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की, जिनमें कोरोना के लक्षण मिले, उन्हें क्वारनटीन किया गया.
सरकार ने अपने औपचारिक बयान में भी कहा है कि ऑपरेशन शील्ड चलाए जाने के बाद से इस इलाके में एक भी कोरोना के मरीज सामने नहीं आए हैं. लेकिन फिर भी एहतियातन सरकार इलाके के 15,000 लोगों को फोन कर कोरोना के संबंध में जानकारी ले रही है.
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कोरोना महामारी की चपेट में अबतक देश के 6400 से अधिक लोग आ चुके हैं, जिनमें 199 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है. यूपी में बीते 24 घंटे में 51 नए मामले आने के बाद मरीजों की संख्या 410 हो गई है, जिनमें 225 तबलीगी जमात से जुड़े हैं. इनमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शाहिद भी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक जमात में शामिल होने की जानकारी छुपाई थी. अब उन्हें परिवार सहित क्वारनटीन किया गया है.
आशुतोष मिश्रा