लॉकडाउन की वजह से खाने के साथ-साथ रहने की भी भारी दिक्कत हो गई है, क्योंकि लोगों के पास रोजगार नहीं है, ऐसे में वो पैसा कहां से लाएंगे और कैसे मकान मालिकों को किराया चुकाएंगे. महाराष्ट्र सरकार ने लोगों की इस समस्या को देखते हुए निर्देश जारी किया है. उन्होंने सभी मकान मालिकों से तीन महीने तक किराया नहीं मांगने को कहा है. इसके साथ यह भी कहा है कि अगर कोई किराएदार, किराया नहीं दे रहा है तो उससे मकान खाली नहीं कराया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ऑफिस ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है. ट्वीट में लिखा है, 'महाराष्ट्र गृहनिर्माण विभाग ने सभी मकान मालिकों के लिए निर्देश जारी किया है. उनसे कहा गया है कि वो अपने किराएदारों से तीन महीने तक पैसे नहीं मांगें. इस दौरान किसी भी किराएदार को पैसे ना होने की वजह से घर से भी ना निकालें.'
जाहिर है लॉकडाउन के दौरान कई लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं, ऐसे में मकान का किराया चुकाना बेहद मुश्किल है. 14 मार्च को कई मजदूर पैसे की कमी की वजह से बांद्रा स्टेशन पहुंच गए थे. उनके लिए मुंबई में रहना अब आसान नहीं है. ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि रेल सेवा बहाल होने पर वो अपने घरों के लिए रवाना हो जाएंगे, जिससे उनके सामने रहने और खाने का संकट नहीं रहेगा.
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इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठने लगे. माना जा रहा है कि उद्धव सरकार ने यह फैसला उसी घटना को देखते हुए लिया है.
इससे पहले मार्च महीने में केजरीवाल सरकार ने भी सभी मकान मालिकों से तीन महीने तक किराया नहीं मांगने की अपील की थी.
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के मकान मालिकों से कहा, 'अगर आप लोग मुझे बेटा मानते हैं, तो किराएदारों से अगले 3 महीने का किराया न लें. किराए को पोस्टपोन कर दें, जो लोग गरीबी की वजह से किराया नहीं दे पाएंगे, उनका किराया सरकार देगी.'
इस दौरान केजरीवाल ने यह भी चेताया कि अगर मकान मालिकों ने जबरदस्ती की, तो सरकार सख्त एक्शन लेगी.
बता दें, देश में 13 हजार से अधिक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और मृतकों की संख्या 437 तक पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय कोरोना वायरस के मामले देश में 11,201 हैं और 1,748 व्यक्ति इससे स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है.
कुल संक्रमित लोगों में से 76 विदेशी नागरिक हैं. गुरुवार शाम से 17 मौतें हुई हैं, जिनमें से सात महाराष्ट्र में, छह दिल्ली में, तीन पश्चिम बंगाल में और एक तमिलनाडु में हुईं.
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा 194 मौतें महाराष्ट्र में हुई है.
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