देश में 11 ऐसे राज्य ऐसे, जहां कोरोना के 50 हजार से ज्यादा एक्टिव केस: स्वास्थ्य मंत्रालय

कॉन्फ्रेंस में हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बताया कि भारत में, 19 लाख सक्रिय मामले हैं. वहीं यहां पॉजिटिविटी रेट लगभग 16.41% है. वहीं 11 ऐसे राज्य हैं जहां 50 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं. इसके अलावा 10 हजार से कम एक्टिव केस वाले 12 राज्य हैं. 

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

मोहित शर्मा / मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST
  • 515 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा
  • भारत में 19 लाख एक्टिव मामले

कोरोना के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में इस समय चौथी लहर को देखा जा रहा है, जबकि भारत में यह तीसरी लहर है. उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में अफ्रीका में आंकड़े कम हो रहे हैं, लेकिन पिछले चार हफ्तों में एशियाई आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. 

कॉन्फ्रेंस में हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बताया कि भारत में, 19 लाख सक्रिय मामले हैं. वहीं यहां पॉजिटिविटी रेट लगभग 16.41% है. वहीं 11 ऐसे राज्य हैं जहां 50 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं. इसके अलावा 10 हजार से कम एक्टिव केस वाले 12 राज्य हैं. 

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देश में 515 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 5% से अधिक है. कॉन्फ्रेंस में डॉ. वीके पॉल ने बताया कि भारत में अभी भी कोरोना की दूसरी खुराक के लिए 6.5 करोड़ लोग बाकी हैं.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन शील्ड के कारण अब देश में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कमी है. वहीं डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमें खुशी है कि किशोर टीकाकरण दर 52% है. वहीं उन्होंने जो लोग अभी वैक्सीनेशन के लिए बचे हुए हैं, के लिए चिंता भी व्यक्त की. यहां जानकारी दी गई दिल्ली में COVID निमोनिया के मामले कम हैं.

जानकारी के मुताबिक वयस्क रोगियों में मिल रहे लक्षण को देखें तो 99% को बुखार है. इसके अलावा कंपकंपी, खांसी और गले में जलन के अलावा मांसपेशियों में कमजोरी जैसे हाल हैं. ये लक्षण 5 दिनों में ठीक हो जाते हैं. 

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 कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गयी कि देश में अबतक वैक्सीन लेने वालों (वयस्कों में) का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक पहली खुराक लेने वाले 88.07 करोड़ लोग हैं तो वहीं दूसरी खुराक 67.13 करोड़ लोग ले चुके हैं. बलराम भार्गव, डीजी आईसीएमआर ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि जिन राज्यों में टेस्टिंग में कमी आई उन्हें इसमें तेजी लाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि जिनका टीकाकरण हो चुका है उनमें मृत्यु दर कम है. कोमर्बिडिटी वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. 

 

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