यकीन नहीं हुआ मामूली खराश कोरोना है
इस परिवार की सदस्य 27 साल की अर्शिता कपूर कोरोना की पहली शिकार थीं. दिल्ली के वसंत वैली स्कूल में काउंसिलर की नौकरी करने वाली अर्शिता को पहली बार 28 मई को कोरोना के लक्षण महसूस हुए. अर्शिता कहती हैं, "जब मुझे पहली बार खांसी हुई तो मैंने अपने आप से पूछा अर्शिता तुम खास क्यों रही हो, लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि ये छोटी सी खराश कोरोना हो सकती है."
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अर्शिता के परिवार में एक घरेलू सहायक समेत कुल 6 लोग रहते हैं. अर्शिता कहती हैं कि लक्षण के बावजूद मेरे फैमिली डॉक्टर ने टेस्ट न कराने को कहा जो कि उसके मुताबिक एक सामान्य सा फ्लू हो सकता था. लेकिन अर्शिता ने आखिरकार टेस्ट करवाया और मुस्कुरा कर अपने पॉजिटिव रिजल्ट को स्वीकार किया.
1 जून तक पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव
1 जून आते-आते उसके परिवार के दूसरे सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हो गए. लेकिन अस्पताल जाने के बजाय इन सभी लोगों ने होम क्वारनटीन रहना बेहतर समझा, हालांकि अर्शिता के ससुर डायबिटीज के पेशेंट थे. अर्शिता कहती हैं, "लोग पॉजिटिव होते ही अस्पताल जाने की तैयारी करने लगते हैं, लेकिन हमने घर में अलग-अलग रहना पसंद किया, क्योंकि हमारे लक्षण गंभीर नहीं थे, न ही हमें सांस लेने में परेशानी हो रही थी. सरकारी अधिकारियों ने भी हमें घर में रहने की सलाह दी. ये एक ऐसी चीज है जो सभी को समझने की जरूरत है."
अस्पताल जाने से बेहतर घर पर क्वारनटीन
अर्शिता कहती हैं कि हम पर कई लोग दबाव डाल रहे थे कि हम अस्पताल चले जाएं, लेकिन हमने घर पर ही क्वारनटीन रहना बेहतर समझा.
मोहन अर्शिता के घर में सहायक का काम करता है. 19 साल का मोहन जब कोरोना पॉजिटिव हुआ तो वह डर गया, उसे बुखार था. लेकिन उसने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी परिवारवालों को नहीं दी. मोहन कहता है कि पिछले 15 दिन में सावधान रहा, दवाइयां लेता रहा, गर्म पानी पी और सचेत रहा.
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अर्शिता के सास-ससुर उनके साथ रहते हैं. 64 साल के समीर कपूर ने कहा कि मैं डायबिटीक हूं, लेकिन न तो मुझे बुखार था, न ही खांसी हो रही थी, हम जरा भी तनाव नहीं ले रहे थे, हमने सभी गाइडलाइंस का पालन किया और इससे जीतकर बाहर आए. हम जानते थे कि हमें जीतना है.
अलग-अलग कमरों में रहे बंद
समीर कपूर ने कहा कि क्वारनटीन के दौरान हम सभी अलग-अलग कमरों में थे, ताकि क्रॉस इंफेक्शन न हो. हमने देसी खाना लेना शुरू किया, मानसिक रूप से मजबूत रहे और कोरोना को हरा दिया. अर्शिता की सास पूनम कपूर कहती हैं कि वे एक बार अपने पड़ोसियों को लेकर चिंतित हुईं कि लोग क्या कहेंगे, लेकिन बस हमने धैर्य रखा और जीतते चले गए. पूनम कपूर कहती हैं कि भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. इस दौरान समीर कपूर नींबू पानी, गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च और देसी काढ़े का सेवन लगातार करते रहे.
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मानसिक रूप से मजबूत रहें
अर्शिता कहती हैं कि इस बीमारी से जीतने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है. आपको इसके बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए, डॉक्टर जो कहते हैं वो मानिए. दिमाग तंदुरुस्त रखिए और ये एक सामान्य फ्लू की तरह खत्म हो जाएगा. उनके मुताबिक अपने दोस्तों, मित्रों के नजदीक रहिए, उनसे बातें कीजिए, एक्सरसाइज कीजिए, देसी खाना खाइए इस तरह आप कोरोना को परास्त कर सकते हैं.
आशुतोष मिश्रा