इस बार रमजान ऐसे वक्त पड़ा है, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से कराह रही है. कोरोना के कहर से बचाने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के डीएम ने अपने मौखिक आदेश में जिले की मस्जिद से अजान पर रोक लगा दी, जिस पर मामला कोर्ट में पहुंच गया और अब अगले हफ्ते हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर में मस्जिद से अजान पर रोक लगाने के विरुद्ध सांसद अफजाल अंसारी के पत्र को याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए अगले हफ्ते चार मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई का आदेश दिया है.
गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मस्जिदों से होने वाली अजानों पर प्रतिबंध लगाने का जिक्र किया था. पत्र के अनुसार 24 अप्रैल को यह फैसला लिया गया.
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कोर्ट ने अपने आदेश में याचिका की कॉपी और अन्य जरूरी कागजात मुख्य स्थायी अधिवक्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में अगले हफ्ते यानी 4 मई को सुनवाई का आदेश दिया है.
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गाजीपुर की मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाने के स्थानीय डीएम के आदेश के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी ने पत्र भेजकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की थी.
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उन्होंने जिलाधिकारी के आदेश को मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया. सांसद ने दावा किया कि कोरोना के कारण पूरे देश में किए गए लॉकडाउन का गाजीपुर जिले का हर नागरिक पालन कर रहा है. जिले के लोग अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, लेकिन जिलाधिकारी ने मौखिक निर्देश से गाजीपुर में मस्जिद से अजान पर रोक लगा दी है, जो सही नहीं है.
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