इस पोर्टल पर जाने पर सबसे पहले लॉग इन करना पड़ेगा. बिना लॉग इन के इस वेबसाइट के अंदर नहीं जा सकते. कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकारी संस्थाओं को सहायता प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है और अगले आदेश तक लागू रहेगा.
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नोटिस के प्रावधानों के तहत सशर्त छूट दी गई है और अगर कोई भी इन शर्तों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से 2 मई को सशर्त ड्रोन को उड़ाने की अनुमति दी गई थी. भारत सरकार ने रिमोटली पायलेटेड एयरक्रॉफ्ट सिस्टम (RPAS) जिसे आम भाषा में ड्रोन्स कहते हैं, को कोरोना से मिल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकारी संस्थाओं को 12 शर्तों के साथ इस्तेमाल की छूट दी गई है.
हर ड्रोन का अपना यूनिक नंबर
हर रिमोटली पायलेटेड एयरक्रॉफ्ट (ड्रोन) का अपना यूनिक पहचान संख्या होगी जिसे नागर विमानन महानिदेशालय की ओर से जारी किया जाएगा. हर ड्रोन में 25 किलो से ज्यादा वजन नहीं रखा जा सकेगा. साथ ही ड्रोन को 200 फीट की ऊंचाई से ज्यादा नहीं ले जाया सकेगा. इसका इस्तेमाल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच करना होगा.
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सक्षम प्राधिकारी की ओर से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना और दो सप्ताह से भी कम समय में पोर्टल लॉन्च करना MoCA, DGCA, AAI और NIC के अधिकारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है. MoCA ने इस मिशन में शामिल सभी के योगदान की सराहना की है.
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कोरोना के बढ़ते मामले पर नजर बनाए रखने, जरूरी सामानों के पहुंचाने आदि के लिए ड्रोन की भूमिका अहम हो गई है. पुलिस ड्रोन्स के जरिए अपने-अपने इलाकों पर नजर रख रही है.
पॉलोमी साहा