भारत में जहां कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं तो इसकी टेस्टिंग के लिए देश में ताबड़तोड़ लैब की व्यवस्था कर दी गई. आज देश में महज 5 महीने में टेस्टिंग लैब की संख्या 1 हजार हो गई है. इस दौरान रोजाना जांच की क्षमता 2 लाख को पार कर गई है.
कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए लैब के बढ़ते नेटवर्क के रूप में, भारत में अब पूरे देश में 1,000 लैब हो गए हैं. इसमें सरकारी क्षेत्र के 730 और 270 निजी लैब शामिल हैं.
देश में 23 जनवरी को जहां एक टेस्टिंग लैब था तो 23 मार्च को यह संख्या बढ़कर 160 तक पहुंच गई. लेकिन इसके बाद लैब निर्माण में तेजी आई और अगले 3 महीने यानी 23 जून तक 840 और लैब तैयार कर लिए गए जिससे देशभर में 1 हजार लैब तैयार हो गए.
सर्वाधिक सैंपल जांच का रिकॉर्ड
पूरे देश में टेस्टिंग सुविधाओं में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी के रूप में, पिछले 24 घंटों में 2 लाख से ज्यादा सैंपल की जांच की गई, जो अब तक सबसे ज्यादा है. कल मंगलवार को 2,15,195 सैंपल्स की जांच की गई.
इसे भी पढ़ें --- कोरोना के चिंतित करने वाले आंकड़े, देश में नए और रिकवरी केस में बढ़ रहा अंतर
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के आधार अब तक टेस्टिंग किए गए नमूनों की कुल संख्या 73,52,911 हो गई है. जहां सरकारी लैब में 1,71,587 नमूनों की जांच की गई, वहीं निजी लैब्स में 43,608 नमूनों की जांच की गई.
निजी लैब्स भी इस संख्या के साथ प्रतिदिन सबसे ज्यादा सैंपलिंग वाले स्तर पर पहुंच गई हैं.
रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण लैब्स में 557 (सरकारी: 359 + निजी: 198) टेस्टिंग की गई तो ट्रुनेट आधारित परीक्षण लैब्स में 363 (सरकार: 343 + निजी: 20) टेस्टिंग की गई. सीबी नाट आधारित परीक्षण लैब्स में 80 (सरकारी: 28 + निजी: 52) टेस्टिंग हुई.
aajtak.in