कोरोना से निपटने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने टेस्टिंग को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4.30 बजे कोरोना टेस्टिंग के 3 नए केंद्रों का उद्घाटन करेंगे. मेडिकल साइंस की भाषा में इन टेस्टिंग केंद्रों को हाई थ्रूपुट टेस्टिंग केंद्र कहा जाता है.
नए कोरोना टेस्टिंग केंद्र नोएडा, मुंबई और कोलकाता में स्थित हैं. इन टेस्टिंग केंद्रों के चालू होने से कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार में तेजी आएगी, इससे मरीजों की जल्दी पहचान हो सकेगी और उनका जल्द उपचार हो सकेगा. इससे कोरोना को काबू करने में मदद मिल सकेगी.
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इन लैब की बनावट इस तरह है कि प्रयोगशाला स्टाफ को संक्रमित चीजों के संपर्क में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इन लैब में कोरोना के अलावा डायबिटीज की भी जांच हो सकेगी. कोरोना का प्रकोप खत्म हो जाने के बाद इस लैब में हैपेटाइटिस बी, और सी, एचआईवी, डेंगू, टीवी के अलावा दूसरी जटिल बीमारियों की जांच की सकेगी.
बताया जा रहा है कि इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वर्चुअली मौजूद रहेंगी. इन तीनों टेस्टिंग लैब की क्षमता रोजाना 10 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट करने की है.
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नोएडा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (एनआईसीपीआर) में आरटी-पीसीआर लैब का उद्घाटन होगा. जिले में इस लैब के उद्घाटन के बाद प्रतिदिन 6 हजार से ज्यादा कोरोना जांच हो सेकेंगी. आईसीएमआर के मुताबिक, एनआईसीपीआर की नई लैब कोविड डेडिकेटेड लैब होगी. इसमें रोजाना 6000 से 10000 तक कोविड जांच हो सकेगी.
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फिलहाल नोएडा में आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त पांच लैबों में कोरोना जांच होती है. इनमें सेक्टर-62 स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी (एनआईबी), कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स), सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइए, सेक्टर-128 स्थित जेपी हॉस्पिटल और ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल और लाल पैथ लैब शामिल हैं.
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