अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने कोरोना के हालात को देखते हुए 15 मई के बाद की रणनीति बनाई है जिसमें घरों में सब्जी, किराना की चीजें पहुंचाने के लिए डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है. अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने डी मार्ट, ओसिया हाइपरमार्केट, बिग बास्केट, बिग बाजार, जोमैटो, स्वीगी जैसी होम डिलीवरी करने वाली प्रमुख कंपनियों से संपर्क कर यह फैसला लिया है. इसमें कहा गया है कि डिलीवरी स्टाफ की 100 फीसदी स्क्रीनिंग के बाद ही होम डिलीवरी करने की अनुमति दी जाएगी.
करेंसी के माध्यम से कोरोना का फैलाव न हो, इसलिए कैश ऑन डिलीवरी पर रोक लगा दी गई है. अब होम डिलीवरी एजेंसी लोगों को डिजिटल पेमेंट के सहारे चीजें मुहैया कराएंगी. अहमदाबाद कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. हालांकि यहां सभी होम डिलीवरी कंपनियां 15 मई के बाद अपना काम शुरू कर पाएंगी. होम डिलीवरी के लिए भी अहमदाबाद कॉरपोरेशन ने कुछ प्रोटोकॉल बनाया है, जिसमें होम डिलीवरी करने वाला शख्स किसी भी कंटेनमेंट जोन से नहीं होना चाहिए. साथ ही होम डिलीवरी देने आने वाले शख्स के पास अपना स्वास्थ्य कार्ड होना चाहिए. यह हर 7 दिन पर रिन्यू किया जाएगा.
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डिलीवरी बॉय को सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य है. साथ ही सोशल डिस्टेंस के सभी नियमों का पालन करना होगा. हर डिलीवरी स्टाफ को अपने मोबाइल में अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु एप को भी डाउनलोड करना होगा.
इस मामले में जानकारी देते हुए ACS डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि पूरे अहमदाबाद शहर में हर रोज 40,000 होम डिलीवरी होती है. ऐसे में डिजिटल पेमेंट के जरिये होने वाली होम डिलीवरी में कोरोना के फैलने का डर काफी कम रहता है. अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के तहत आने वाली सब्जी, दूध, फल और किराने आदि की लगभग 17000 दुकानों में ये नियम लागू होंगे.
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गोपी घांघर