देश में कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू हो चुका है. इसके बाद देश के वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना का टीका दिया जाना है. सरकार जल्द ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए बनाए गए 'आरोग्य सेतु' ऐप पर ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन के लिए खुद को रजिस्टर करने का विकल्प उपलब्ध कराएगी. इससे 27 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को Co-Win प्लेटफॉर्म पर एनरोल करके टीका लेने में मदद मिलेगी.
पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं का वैक्सीनेशन होने के बाद आरोग्य सेतु ऐप पर टीके के एनरोलमेंट के लिए सीमित फीचर उपलब्ध कराए जाएंगे. कोविड-19 से निपटने के लिए बनाए गए ‘एंपावर्ड ग्रुप ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डाटा मैनेजमेंट’ के चेयरमैन डॉक्टर राम सेवक शर्मा ने से कहा, ‘‘ लोग आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से खुद को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर कर सकेंगे. हम ऐप के माध्यम से टीका मिलने का प्रमाणपत्र जारी करने में भी मदद करेंगे.’’ इससे तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन के बाद अन्य लोगों को टीका देना आसान होगा.
मौजूदा डाटा प्रणाली नाकाफी
शर्मा ने कहा, ‘अभी हमारे पास जो डाटा पॉपुलेशन प्रणाली है, वह टीका पाने वाले 3 करोड़ लोगों से अधिक के लिए काम नहीं करेगी. ऐसे में हमें एक नागरिक उन्मुखी ढांचा चाहिए. इस प्रणाली में हम लोगों से खुद रजिस्टर करने के लिए कहेंगे. इसमें उन्हें कब टीका लगवाना है, कहां लगवाना है इत्यादि विकल्प दिए जाएंगे. डॉक्टर शर्मा कोविड-19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के भी सदस्य हैं.
फीचर फोन वालों का भी रखा जाएगा ध्यान
अभी 16 करोड़ से अधिक लोग पहले ही आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं. प्रथम चरण में तीन करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन पूरा होने के बाद लोगों को यह विकल्प उपलब्ध करा दिया जाएगा. शर्मा ने कहा कि आरोग्य सेतु अकेला विकल्प नहीं होगा, हमें कई और विकल्प चाहिए होंगे. इसमें टेलीफोन नंबर, आईवीआरएस इत्यादि के माध्यम से रजिस्ट्रेशन शामिल हैं, क्योंकि देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है.
भारत में वैक्सीनेशन अभियान
भारत एक ही दिन में सबसे अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत के पहले दिन ही 2,07,229 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया. जबकि अमेरिका में यह संख्या 79,458, ब्रिटेन में 19,700 और फ्रांस में मात्र 73 रही. डॉक्टर शर्मा ने कहा, ‘‘भारत दुनिया की आबादी के छठे हिस्से के बाराबर लोगों को कोरोना वैक्सीन देगा. Co-Win ऐप को इतने बड़े पैमाने पर डाटा संभालना होगा. इतने बड़े अभियान को बिना डिजिटल सहायता के पूरा नहीं कर सकते, इसलिए हमने Co-Win ऐप विकसित की है. यह देश के टीकाकरण अभियान की रीढ़ है.
जल्द आएगा Co-Win का अपडेट
वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के तीन दिन बाद कई राज्यों ने Co-Win ऐप में तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायत की है. इस पर शर्मा ने कहा कि सरकार ऐप को अपडेट करने पर काम कर रही है. छोटी-मोटी दिक्कतों को दूर करते हुए इसके 1.0 वर्जन को 2.0 वर्जन में अपडेट किया जाएगा. अगले दो से तीन दिन में ऐप की दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा. किसी भी सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग और बाद में उसके इस्तेमाल में आने की स्थिति में फर्क होता है.
स्वास्थ्यकर्मियों के तत्काल रजिस्ट्रेयान का विकल्प अब उपलब्ध
शर्मा ने कहा कि जब हमने वैक्सीनेशन शुरू किया था तो सोचा था कि जिस केंद्र पर किसी दिन के लिए 100 स्वास्थ्यकर्मियों का पंजीकरण किया जाएगा तो 100 लोग वैक्सीन लेने आएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, कई लोग टीका लेने नहीं पहुंचे. ऐसे में अब Co-Win ऐप पर उस समय वहां मौजूद अन्य स्वास्थ्यकर्मी का तत्काल पंजीकरण कर टीका देने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए बस उस स्वास्थ्य कर्मी को पहले चरण के तहत टीका पाने की योग्यता पूरी करनी होगी.
आधार से सत्यापन, डाटा सुरक्षित, फेक ऐप से सावधान
टीका पाने वालों में 80 प्रतिशत लोगों का सत्यापन आधार कार्ड से किया गया. शर्मा ने कहा कि डिजिटल दुनिया में फेक ऐप आना आम बात है. लोगों के स्वास्थ्य डाटा को चुराने के लिए कई ऐप काम कर रहे हैं. Co-Win सरकारी ऐप है और आधार के समय पर हम इस तरह के अनुभवों का सामना कर चुके हैं. इसलिए इस ऐप को विकसित करने की शुरुआत से डाटा सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है. तत्काल पंजीकरण के लिए अगले कुछ दिन में आधार से सत्यापन शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद स्वास्थ्यकर्मी आधार ओटीपी या मोबाइल नंबर और फोटोग्राफ के माध्यम से अपना पंजीकरण करा पाएंगे. वहीं आरोग्य सेतु पर स्वयं से पंजीकरण कराने का विकल्प अभी आम लोगों के लिए खुला नहीं है.
Co-Win की दुनिया में पूछ
Co-Win प्लेटफॉर्म में दुनिया की रुचि है, क्योंकि यह बहुत बड़े स्तर पर लोगों का डाटा संभालने की क्षमता रखती है. इसका इस्तेमाल सिर्फ लोगों के वैक्सीनेशन में नहीं किया जाना है, बल्कि यह देश में स्वास्थ्य का डिजिटल डाटाबेस भी तैयार करेगा. डॉक्टर शर्मा ने कहा Co-Win पर एक करोड़ लोगों का पंजीकरण पहले हो चुका है. इस पर रजिस्टर करने वालों को एक विशिष्ट हेल्थ आईडी जारी की जा रही है जो सीधे राष्ट्रीय स्वास्थ्य डिजिटल मिशन से जुड़ी है.
मिलन शर्मा