इंडियन रेलवे ने लोगों को उनकी जगह पर पहुंचाने की प्रक्रिया में गति पकड़ी है. रेलवे के मुताबिक 1 मई से लेकर अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. इससे लगभग 18.5 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है. इनमें से अधिकतर ट्रेनें गुजरात और महाराष्ट्र से चली हैं. रेलवे ने कहा कि लगभग 116 ट्रेनें और चलाए जाने की प्रक्रिया जारी है. रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक 496 ट्रेनें गुजरात से चलाई गईं तथा 17 और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं.
यूपी में 258 ट्रेनों को और स्वीकृति, कुल ट्रेनों की संख्या हुई 914
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को कहा कि अभी तक लगभग 656 ट्रेनें आ चुकी हैं, इनमें लगभग 8 लाख 52 हजार प्रवासी कामगार और श्रमिक आ चुके हैं, आज लगभग 90 कुल ट्रेन आएंगी. उन्होंने कहा कि 258 ट्रेनों की स्वीकृति दे रखी है, जो कल और परसों में आ जाएंगी. इनको मिलाकर कुल ट्रेनों की संख्या 914 हो जाएगी, जिनमें 11 से 11.5 लाख श्रमिक प्रदेश आएंगे.
किस राज्य से कितनी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें?
महाराष्ट्र से 266 ट्रेन चलाई गईं तथा 37 और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं. पंजाब से 188, कर्नाटक से 89, तमिलनाडु से 61, तेलंगाना से 58, राजस्थान से 54, हरियाणा से 41 और उत्तर प्रदेश से 38 ट्रेन चलाई गईं. उत्तर प्रदेश में अधिकतम 656 ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुकी हैं. बिहार में 310 ट्रेन गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं और 53 अभी रास्ते में हैं.
कर्नाटक में पटरी से उतरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन
कर्नाटक राज्य के तिरूर (केरल) से जयपुर (राजस्थान) जाने वाली 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन मंगलवार देर रात करीब 2 बजे मंगलुरु में पटरी से उतर गई. हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है. पटरी से उतरे इंजन को पटरी पर लाने के बाद ट्रेन फिर से रवाना हो गई.
सोमवार को 7.6 लोग पहुंचे UP
सोमवार को 540 श्रमिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश पहुंची. इन ट्रेनों में 7.6 लाख लोग अपने घर पहुंचे. इसमें 275 ट्रेनें गुजरात से, 144 ट्रेनें महाराष्ट्र से, 101 ट्रेनें पंजाब से और 60 ट्रेनें तेलंगाना से उत्तर प्रदेश पहंची.
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 800 और श्रमिक विशेष ट्रेनों को अपने राज्यों में आने आने की अनुमति दे दी है. इसके लिए रेलवे ने भी अप्रुवल दे दिया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक सिर्फ 19 ट्रेनों को मंजूरी दी है. ममता ने कहा, 'हम कुछ दिनों में 115 और ट्रेनों की व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे. राज्य सरकार ट्रेन का किराया देगी.'
बनर्जी ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त करने के लिए कहा, 'लगभग 2.5 से 3 लाख प्रवासी पहले ही बंगाल लौट चुके हैं. थोड़ा धैर्य रखें. इस समस्या का राजनीतिकरण न करें. मैं सभी राज्यों से अनुरोध करती हूं कि वे हमारे लोगों की देखभाल करें. हम सभी को वापस लाना चाहते हैं लेकिन 1 दिन में सभी को वापस नहीं ला सकते. हमारे पास एक योजना है, हम इसे निष्पादित करेंगे. अगले 2-3 दिनों के भीतर हम 115 और ट्रेनों की मांग करेंगे.'
उन्होंने बताया कि बंगाल सरकार ने केंद्र से कुल 235 ट्रेनों की मांग की है. ममता ने बताया, '16 ट्रेनें बंगाल पहुंच चुकी हैं.'
राजस्थान जाने के लिए 15 लाख रजिस्ट्रेशन
राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के श्रमिकों को लाने के लिए 26 और ट्रेनों की मांग की है. करीब 4 लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं. राजस्थान सरकार 1000 श्रमिक बस भी चलाएगी जो दूसरे राज्यों से श्रमिकों को लेकर आएंगी. करीब 15 लाख मजदूरों ने राजस्थान आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें से 10 लाख 98 हजार अभी आने बाकी हैं.
चक्रवात ने बढ़ाई चिंता
इधर, बंगाल की खाड़ी से उठने वाले 'अम्फान' चक्रवात ने चिंता बढ़ा दी है. करीब 8 राज्यों में अलर्ट है. खतरे को देखते हुए एसी स्पेशल ट्रेन कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है. वहीं काफी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. रेल मंत्रि पीयूष गोयल ने कहा कि ओडिशा में अम्फान चक्रवात के चलते ट्रेनों के परिचालन को स्थगित कर दिया गया है.
एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक रेलवे ने कहा कि बिहार प्रति दिन 50 से अधिक ट्रेनों की अनुमति नहीं दे रहा, जबकि आवश्यकता प्रति दिन 200 ट्रेनों की है. अन्य राज्यों ने बहुत कम ट्रेनों को मंजूरी दी है, जैसे छत्तीसगढ़ केवल 19 ट्रेनें, राजस्थान केवल 33 ट्रेनें और झारखंड से केवल 72 ट्रेनों को मंजूरी मिली है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा ने चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों की ट्रेनों को निलंबित कर दिया है और कोई भी ट्रेन गंजम जिले में नहीं जा रही है.
बता दें कि श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की प्रक्रिया में मूल (जहां से चलना है) और गंतव्य (जहां पहुंचना है) राज्यों की स्वीकृति शामिल है. अगर किसी ट्रेन को गुजरात से पश्चिम बंगाल जाना है, तो दोनों राज्यों को अपनी स्वीकृति देनी होगी.
लॉकडाउन के बीच प्रवासियों मजदूरों, श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों सहित लौटने के लिए फंसे हुए नागरिकों की आवाजाही के लिए अनुमति देने के बाद रेलवे विशेष ट्रेनें चला रहा है.
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