Advertisement

कोरोना

जानिए उस दवा के बारे में, जिसे अमेरिका ने कोरोना के खिलाफ दी मंजूरी

aajtak.in
  • 02 मई 2020,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST
  • 1/9

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है अमेरिका में कोरोना वायरस इस समय सबसे ज्यादा तबाही मचा रहा है. इसी बीच एक दवा की बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है, जिसके परिणाम अमेरिका में चौंकाने वाले आ रहे हैं. यह दवा है रेमडेसिवीर.

  • 2/9

दरअसल, अमेरिका के एफडीए ने रेमडेसिवीर नाम की दवाई को हरी झंडी दे दी है. कोविड-19 के इलाज में अब इसका उपयोग किया जा सकता है. इस दवाई की ओर दुनिया उम्मीदों से देख रही है. जानिए इस दवाई में क्या खास है और ये इसके बनने के पीछे क्या कहानी है.

  • 3/9

इस दवा को इबोला को खत्म करने के लिए बनाया गया था, अब यह कोरोना वायरस के मरीजों को ज्यादा जल्दी ठीक कर रही है. अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस दवा की सफलता से कोरोना को हराने के लिए हमें नई उम्मीद मिल गई है. यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने भी इस दवा की तारीफ की है.

Advertisement
  • 4/9

रेमडेसिवीर दवा की बदौलत कोरोना मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हो रहे हैं. डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा कि यह वाकई में जादुई दवा है. इसकी वजह से मरीजों का जल्दी ठीक होना मतलब हम इस दवा का उपयोग ज्यादा से ज्यादा कर सकते हैं. डॉ. फॉसी ने यह बात व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने मीडिया से कही है.

  • 5/9

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी रेमडेसिवीर ड्रग ट्रायल को वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने वाला कदम बताया है. रेमडेसिवीर अमेरिकी की गिलिएड कंपनी द्वारा बनाया गया एक ड्रग है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में बड़ा हथियार साबित हो सकता है.

  • 6/9

अमेरिका ने कुछ दिन पहले इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था. जिसके परिणाम अब सामने आए हैं. डॉ. फॉसी ने यह भी कहा कि आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिवीर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्‍पष्‍ट, प्रभावी और सकारात्‍मक प्रभाव पड़ रहा है.

Advertisement
  • 7/9

Remdesivir दवा को इबोला के वैक्सीन के रूप में बनाया गया था. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार 125 लोगों को Remdesivir दवा दी गई थी, जिसमें से 123 लोग ठीक हो गए थे.

  • 8/9

भारत कोरोना वैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ साझा ट्रायल का हिस्सा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के निदेशक डॉक्टर रमण गंगाखेडकर ने पहले कहा था कि भारत ने रेमडेसिवीर के ट्रायल पर नजर बना रखी है और उससे जुड़ा डेटा इकट्ठा किया जा रहा है.

  • 9/9

डॉक्टर रमण गंगाखेडकर का यह भी कहना है कि अगर यह दवा कोरोना वायरस के खिलाफ सही साबित हो जाती है तो यह एक बड़ी कामयाबी होगी. भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है और उसे देखते हुए इस दवा की कीमत और उपलब्धता पर भी हम नजर बनाए हुए हैं.

Advertisement
Advertisement
Advertisement