Unlisted Share Trap: 'कोई बचाने वाला नहीं है...' शेयर खरीदने को लेकर चल रहा ये खेल, नितिन कामथ ने कहा- हो जाओ अलर्ट

Nithin Kamath Alert: नितिन कामथ ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कंपनी IPO लाती भी है, तो उसका शेयर मूल्य निवेशकों द्वारा दी गई कीमत से कम हो सकता है, जिससे तत्काल नुकसान हो सकता है.

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Nithin Kamath Warns Retail investor Nithin Kamath Warns Retail investor

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

फिलहाल अनलिस्टेड शेयरों को लेकर कुछ रिटेल निवेशकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. अब इसी को लेकर जेरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने रिटेल निवेशकों को आगाह किया है. नितिन कामथ ने अनलिस्टेड शेयरों में निवेश के खतरों के बारे में विस्तार से बताया है. 

दरसअल, नितिन कामथ ने X पर एक पोस्ट में बताया कि कैसे एक वेल्थ मैनेजर ने उनकी कंपनी के असूचीबद्ध शेयरों को 50% अधिक कीमत पर खुदरा ग्राहकों को बेचने के लिए संपर्क किया. इसके लिए असूचीबद्ध शेयरों की लोकप्रियता को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), MSEI और चेन्नई सुपर किंग्स से तुलना करके बताई गई, जो कि सरासर गुमराह करना है.

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रिटेल निवेशकों को फंसाने का नया तरीका  

उन्होंने कहा कि NSE, CSK जैसी कंपनियों के अनलिस्टेड शेयरों को लेकर रिटेल निवेशकों में जो पागलपन है, वो बेहद रिस्की और गुमराह करने वाला है. अनलिस्टेड शेयरों की असली वैल्यू तय नहीं होती, अक्सर अनुमान और अफवाहों पर कीमत चढ़ती है. नितिन कामथ ने इसे पैसे गंवाने का एक नया तरीका करार दिया है और इस उन्माद की तुलना खुदरा निवेशकों को लक्षित करने वाली एक क्लासिक पंप-एंड-डंप योजना से की गई है.

उन्होंने कहा कि गैर-सूचीबद्ध शेयरों का बाजार पारंपरिक स्टॉक एक्सचेंजों की तरह पारदर्शी नहीं है. इन शेयरों में मूल्य निर्धारण (प्राइस डिस्कवरी) की कमी होती है, और ब्रोकरों द्वारा ली जाने वाली मार्कअप और कमीशन की राशि हास्यास्पद होती है. ये प्लेटफॉर्म अनियमित होते हैं, जिसके कारण निवेशकों की सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं होता है. इसके अलावा, असूचीबद्ध कंपनियां सूचीबद्ध कंपनियों की तुलना में कम जानकारी साझा करती हैं, जिससे जोखिम का आकलन करना मुश्किल हो जाता है. 

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अनलिस्टेड शेयरों को क्या-क्या खतरे

नितिन कामथ ने उदाहरण देते हुए बताया कि कई कंपनियां, जैसे एनएसई, वर्षों तक आईपीओ लाने की अटकलों में रहती हैं, लेकिन सूचीबद्ध नहीं होतीं, जिससे निवेशकों की पूंजी लंबे समय तक फंस सकती है. नितिन कामथ ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कंपनी IPO लाती भी है, तो उसका शेयर मूल्य निवेशकों द्वारा दी गई कीमत से कम हो सकता है, जिससे तत्काल नुकसान हो सकता है.

कामथ ने सुझाव दिया कि असूचीबद्ध शेयरों में निवेश की बजाय म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में निवेश करना बेहतर है. म्यूचुअल फंड्स में विविधीकरण, मजबूत नियामक निगरानी, और पारदर्शी होती है, जो खुदरा निवेशकों के लिए सुरक्षित और आसान विकल्प है. उन्होंने निवेशकों से सलाह दी कि वे प्री-आईपीओ की ललचाने वाली अफवाहों में न फंसे और लंबी अवधि को ध्यान में रखकर सही जगह निवेश करें. 

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