केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या eRupee को फिलहाल नकद कैश में तब्दील नहीं किया जा सकेगा. eRupee केवल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों ka डिपॉजिट पर ही जारी किया जाएगा, यानी आरबीआई केवल बैंक जमा के खिलाफ ई-रुपया जारी करेगा और डिजिटल मुद्रा को नकद में बदलने की अनुमति देगा.
इंडियन मर्चेंट्स चैंबर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RBI के फिनटेक विभाग के चीफ जनरल मैनेजर अनुज रंजन ने कहा कि पायलट परियोजना ने एक क्लोज कंज्यूमर ग्रुप में संतोषजनक प्रगति की है. रिपोर्ट के मुताबिक उपयोगकर्ताओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अनुज रंजन ने कहा कि शीर्ष बैंक eRupee से संबंधित लागत वहन करेगा, क्योंकि यह RBI की देनदारियों का हिस्सा है.
कैशलेस पेमेंट को मिलेगी रफ्तार
Yes Bank जैसे बैंकों ने पहले ही डिजिटल वॉलेट को ऐप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध करा दिया है. रिलायंस रिटेल, नेचुरल आइसक्रीम और ऑयल मार्केटिंग जैसी कई कंपनियों ने भी ई-रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए करार किए हैं. रिजर्व बैंक के इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नाम दिया गया है. करेंसी को डिजिटल बनाने और कैशलेस पेमेंट को गति देने के लिए केंद्रीय बैंक ने ये तरीका अपनाया है.
डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी
रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी CBDC-W और CBDC-R में बांटा है. CBDC-W मतलब होलसेल करेंसी और CBDC-R का मतलब रिटेल करेंसी से है. डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों किया जा सकता है. E-Rupee एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा. दूसरे शब्दों में कहें तो CBDC आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप ही है.
डिजिटल करेंसी के फायदे
रिटेल डिजिटल रुपया
देश में एक दिसंबर से रिटेल डिजिटल रुपये (Retail Digital Rupee) के पायलट सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. पहले चरण में डिजिटल रुपये को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लांच किया गया था. इन शहरों में चार बैंकों के माध्यम से डिजिटल करेंसी उपलब्ध कराई गई थी. पहले चरण की शुरुआत देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से हुई थी.
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