बैंकों के फ्रॉड में 74 फीसदी का इजाफा, RBI की रिपोर्ट में खुलासा

रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी हुई जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41,167 करोड़ रुपये था.

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बैंक फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं बैंक फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 25 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

  • RBI के मुताबिक बैंकों के फ्रॉड में 74 फीसदी का इजाफा हुआ
  • रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में 71,543 करोड़ की कुल धोखाधड़ी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तमाम कोशिशों के बावजूद बैंकों में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. आरबीआई की ताजा रिपोर्ट बताती है कि बैंकों के फ्रॉड में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी हुई जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41,167 करोड़ रुपये था.

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सबसे अहम बात ये है कि धोखाधड़ी के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सबसे आगे हैं. धोखाधड़ी के कुल मामलों में 55.4 फीसदी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़े थे. वहीं राशि के मामले में यह 90.2 फीसदी है.  यह सरकारी बैंकों में परिचालन जोखिमों से निपटने में आंतरिक प्रक्रियाओं, लोगों और प्रणाली में खामियों को बताता है.

बता दें कि सरकार ने इसी साल फरवरी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में धोखाधड़ी का समय पर पता लगाने, उसकी सूचना देने और जांच को लेकर रूपरेखा जारी किया था. इसके तहत बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के नॉन परफॉर्मिंग अकाउंट में धोखाधड़ी की आशंकाओं का आकलन करने की आवश्यकता है ताकि धोखाधड़ी वाले लेन-देन का खुलासा समय पर हो सके. 

रिपोर्ट के अनुसार संभवत: इसी कारण 2018-19 में धोखाधड़ी के ज्यादा मामले सामने आएं.  वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों की धोखाधड़ी में कुल धोखाधड़ी में हिस्सेदारी क्रमश: 30.7 फीसदी ओर 11.2 फीसदी रही। राशि में इन बैंकों की हिस्सेदारी क्रमश: 7.7 फीसदी और 1.3 फीसदी रही.

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7 साल बाद कम हुआ एनपीए

आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सभी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 2018-19 में घटा है. जबकि इससे पहले लगातार 7 साल इसमें वृद्धि हुई थी. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सालाना आधार पर एनपीए के मोर्चे पर अच्छा सुधार दिखता है. जहां 2017-18 में एनपीए अनुपात 11.2 फीसदी था, वह 2018-19 में घटकर 9.1 फीसदी पर आ गया. इस लिहाज से सालाना आधार पर 2.1 फीसदी की कमी आई है.

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