लाल किले से डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च, यूनिक ID में होगी आपके स्वास्थ्य की कुंडली

74th Independence Day (15th August) पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को लॉन्च किया है.

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2020 Independence Day Celebration लाल किले की प्राचीर से PM मोदी का बड़ा ऐलान 2020 Independence Day Celebration लाल किले की प्राचीर से PM मोदी का बड़ा ऐलान

aajtak.in / दीपक कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

  • नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन हुआ लॉन्च
  • आधार की तरह यूनिक नंबर होगा जारी

कोरोना संकट के बीच देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इसके साथ ही देश को संबोधित भी किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को लॉन्च किया है.

क्या कहा पीएम मोदी ने

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इस योजना को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है. ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा. पीएम मोदी ने कहा कि आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी.

क्या है ये मिशन

दरअसल, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा. ये आधार कार्ड की तरह होगा. इस कार्ड के जरिए मरीज के निजी मेडिकल रिकॉर्ड का पता लगाया जा सकेगा. आसान भाषा में समझें तो आप देश के किसी भी कोने में इलाज कराने जाएंगे तो पर्ची और टेस्ट रिपोर्ट नहीं ले जानी पड़ेंगी. डॉक्टर कहीं से भी बैठकर आपकी यूनिक आईडी के जरिए ये पता लगा सकेगा कि आपको क्या बीमारी है और अब तक की रिपोर्ट क्या है.

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नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन में मुख्य तौर पर हेल्थ, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, देशभर के निजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के रजिस्ट्रेशन पर फोकस होने की उम्मीद है.

अभी अनिवार्य नहीं

हालांकि, इसे अभी अनिवार्य नहीं किया जाएगा. मतलब ये कि आप पर निर्भर है कि इससे जुड़ रहे हैं या नहीं. लेकिन उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसे अनिवार्य कर दिया जाए.

कैसे होगा काम

मरीज का मेडिकल डेटा रखने के लिए अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे. मतलब ये कि इसमें डॉक्टर, अस्पताल या जांच क्लिनिक भी रजिस्टर्ड होंगे. इनके लिए भी ये व्यवस्था अभी अनिवार्य नहीं है. इस योजना में ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन सेवा को भी शामिल किए जाने की योजना है.

उदाहरण से समझें

मान लीजिए कि सुधीर कुमार ने बिहार के पटना में किसी निजी अस्पताल में इलाज और क्लिनिक में जांच कराया है. लेकिन बाद में सुधीर को इलाज के लिए दिल्ली के लिए आना पड़ा है. अब अगर पटना का निजी अस्पताल और क्लिनिक सर्वर लिंक से जुड़े हैं तो वह मरीज की एक डिजिटल फाइल बना देंगे.

इसमें मरीज के बीमारी से लेकर जांच और दवाइयों तक का जिक्र होगा. अब ​सुधीर की यूनिक आईडी से दिल्ली का डॉक्टर ये पता लगा सकेगा कि मरीज को क्या बीमारी है और अब तक कौन सी दवाइयां दी गई हैं या जांच में क्या ​मिला है.

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