वेदांता लिमिटेड को मद्रास हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. दरअसल, कोर्ट ने कंपनी की तूतीकोरिन में स्टरलाइट तांबा प्लांट को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है. आपको बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट में वेदांता ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है.
मामला 2018 का
ये मामला 2018 का है जब वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने गोलीबारी की थी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कंपनी के प्लांट पर ताला लटकाने का फैसला किया था.
तमिलनाडु सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया था और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वह वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा प्लांट को सील करे और इसे ‘स्थाई रूप से’ बंद कर दे. इस फैसले के खिलाफ वेदांता ने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. आपको बता दें कि 2013 में भी प्लांट को कई हफ्तों के लिए तब बंद किया गया था जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में इसके खिलाफ पर्यावरण को नुकसान पहुंचना का मामला चल रहा था.
क्यों हो रहा था विरोध
तूतीकोरिन जिले में लंबे समय से अलग-अलग जगह इस प्लांट के विरोध में धरना-प्रदर्शन हो रहा था. क्षेत्रीय लोग इस प्लांट की क्षमता बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों का दावा था कि प्लांट के चलते पूरे क्षेत्र में ग्राउंड वॉटर में प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है.
ये पढ़ें—क्यों हो रहा तूतीकोरिन के वेदांता कॉपर प्लांट में संग्राम, जानें 6 खास बातें
कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने वेदांता को छोटी चिमनी के साथ प्लांट चलाने की अनुमति दी है जिसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. छोटी चिमनी के चलते कंपनी को खर्च बचाने में मदद मिल रही है और इसकी कीमत लोगों को जल श्रोत के खराब स्तर के तौर पर उठानी पड़ रही है.
aajtak.in / अक्षया नाथ