आने वाले दिनों में केरल में सरकारी कर्मचारियों को सैलरी के लिए भी आधार कार्ड की जरूरत पड़ने वाली है. दरअसल, केरल सरकार ने सरकारी दफ्तरों में आधार अधारित पंचिंग सिस्टम इन्स्टॉल करने का फैसला लिया है.
इस पंचिंग सिस्टम में स्पार्क सॉफ्टवेयर के जरिए काम होगा. सरकार के इस फैसले के बाद सरकारी दफ्तरों में अब कर्मचारियों को स्पार्क सॉफ्टवेयर में आधार कार्ड रजिस्टर्ड करने के बाद ही सैलरी मिल सकेगी. सरकारी दफ्तरों के अलावा बायोमेट्रिक पंचिंग सिस्टम को शिक्षा संस्थानों के लिए भी अनिवार्य किया गया है.
राज्य सरकार का कहना है कि इस नए सिस्टम के जरिए कर्मचारियों की स्किल और आउटपुट बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इस नए सिस्टम के लागू होने से 5 लाख 60 हजार कर्मचारी प्रभावित होंगे. इन कर्मचारियों में राज्य सचिवालय के अधिकारियों से लेकर सरकारी स्कूल के कर्मचारी तक शामिल हैं.
कैसे होगा काम
दरअसल, आधार आधारित बायोमेट्रिक पंचिंग सिस्टम के जरिए फिंगर प्रिंट होती है. इसी के आधार पर कर्मचारियों की दफ्तर में उपस्थिति दर्ज की जाती है. केरल के सरकारी दफ्तरों में नए सिस्टम के लागू होने के बाद कर्मचारियों को आधार नंबर रजिस्टर्ड कराना होगा, इसके बाद ही सैलरी मिलेगी. पंचिंग मशीन के लिए तैयार हुआ स्पार्क सॉफ्टवेयर नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार केरल स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (KELTRON)के माध्यम से बायोमेट्रिक मशीन खरीद सकती है. इसके जरिए उंगलियों के निशान को रिकॉर्ड किया जा सकेगा. एक बार इन्स्टॉल होने के बाद, KELTRON की ओर से मशीन के संचालन के लिए हर जिले में प्रशिक्षकों की नियुक्ति करेगा. सभी सिविल स्टेशनों को तीन महीने में नई प्रणाली पर स्विच करना होगा. वहीं सभी जिला कार्यालयों को अगले छह महीनों के भीतर नए पंचिंग सिस्टम को लागू करना होगा.
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