देश में बैंकिंग सेवाओं को घर-घर पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2015 में पेमेंट बैंक की खास सर्विस की शुरुआत की थी. इसके तहत आरबीआई ने देश की 41 कंपनियों में से सिर्फ 11 को लाइसेंस जारी किए. लेकिन इनमें से 4 पेमेंट बैंकों ने आरबीआई के सामने हाथ खड़े कर दिए. ये 4 पेमेंट बैंक- टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, आईडीएफसी बैंक और टेलीनोर फाइनेंशियल सर्विसेस हैं. अब आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने कारोबार समेटने की तैयारी कर ली है.
अगला नंबर आइडिया पेमेंट बैंक का
फरवरी 2018 में कारोबार शुरू करने वाला आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स लिमिटेड (ABIPBL) बैंक अपना कारोबार समेटने जा रहा है. इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन के जरिए दी है. रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा, 'आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को स्वेच्छा से लिक्विडेट यानी बंद करने के आवेदन पर मुंबई हाई कोर्ट ने 18 सितंबर 2019 को आदेश जारी कर दिया है.' नोटिफिकेशन के मुताबिक मुंबई हाई कोर्ट ने डेलॉइट ताउचे तोमस्तु इंडिया के वरिष्ठ निदेशक विजयकुमार वी. अय्यर को इसके लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया है. यहां बता दें कि इस साल जुलाई की शुरुआत में आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी.
अगर ABIPBL में जमा है पैसा तो क्या करें?
आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक में अगर आपका पैसा है तो आप अकाउंट में ट्रांसफर करा सकते हैं. आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक आदित्य बिड़ला पेमेंट बैंक ने कारोबार समेटने की प्रक्रिया के तहत 26 जुलाई 2019 से पैसे जोड़ने या जमा करने का ऑप्शन खत्म कर दिया था. इसके साथ ही बैंक ग्राहकों से अपील करता है कि ऑनलाइन / मोबाइल बैंकिंग / निकटतम बैंकिंग प्वाइंट के माध्यम से पेमेंट बैंक में जमा राशि को अकाउंट में ट्रांसफर करा लें. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 18002092265 या vcare4u@adityabirla.bank पर मेल के जरिए भी मदद ली जा सकती है.
क्या है बैंक के बंद होने की वजह ?
बीते जुलाई महीने में स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने कहा कि अपेक्षित कामयाबी नहीं मिलने की वजह से बिजनेस को आगे बढ़ाना संभव नहीं है. बता दें कि यह पेमेंट बैंक आदित्य बिड़ला नुवो और आइडिया सेलुलर का ज्वाइंट वेंचर है. वहीं टेलीकॉम इंडस्ट्री में आइडिया-वोडाफोन की स्थिति ठीक नहीं है. बीते साल वोडाफोन से मर्जर के बाद लगातार वोडाफोन-आइडिया को लगातार घाटा हो रहा है. हाल ही में दूसरी तिमाही के नतीजों में कंपनी को 50 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. इसे कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही घाटा बताया जा रहा है.
इसके बाद बचेंगे ये पेमेंट बैंक
- एयरटेल पेमेंट बैंक लिमिटेड
- इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक लिमिटेड
- FINO पेमेंट बैंक लिमिटेड
- Paytm पेमेंट बैंक लिमिटेड
- Jio पेमेंट बैंक लिमिटेड
- NSDL पेमेंट बैंक लिमिटेड
क्या होता है पेमेंट बैंक ?
दरअसल, पेमेंट बैंकों को लॉन्च करने का मकसद स्माल सेविंग अकाउंट होल्डर्स, लो इनकम हाउसहोल्ड (कम आय वाले परिवार), असंगठित क्षेत्र, प्रवासी मजदूरों और छोटे बिजनेसमैन को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है. इसके लिए आरबीआई ने एनबीएफसी या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन, मोबाइल फोन सेवा देने वाली कंपनियां या फिर सुपर मार्केट चेन आदि को पेमेंट बैंक शुरू करने की छूट दी है. इन बैंकों को बड़ी रकम जमा के तौर पर स्वीकार करने की इजाजत नहीं हैं. इसके अलावा ये बैंक लोन नहीं दे सकते हैं. हालांकि एटीएम/डेबिट कार्ड जरूर जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड नहीं मिल सकता है.
दीपक कुमार