मोदी सरकार को जीडीपी, जीएसटी के बाद अब 8 कोर सेक्टर्स की विकास दर ने भी झटका दिया है. जुलाई महीने में 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ घटकर 2.1 फीसदी पर आ गई है. जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यानी जुलाई 2018 में यह 7.3 फीसदी थी.
दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद उद्योगों की वृद्धि दर में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. हालांकि पिछले साल की अप्रैल-जुलाई तिमाही की तुलना में इस बार अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रोडक्शन में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सोमवार की सरकार की ओर से ये आंकड़े जारी किए गए.
जून में लगा था झटका
इससे पहले जून महीने में 8 प्रमुख उद्योगों की ग्रोथ घटकर 0.2 फीसदी पर आ गई थी. कोर सेक्टर में गिरावट की अहम वजह ऑयल से जुड़े सेक्टर और सीमेंट उत्पादन में भारी सुस्ती बताई गई थी.
आठ प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं. इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है.
जीडीपी और जीएसटी ने भी किया निराश
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी कर दिए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी दर पहली तिमाही में 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई. जो 6 साल में इसका सबसे निचला स्तर है. वहीं अगस्त में जीएसटी कलेक्शन घटकर 98,203 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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