कोरोना संकट काल में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर सरकार को झटका लगा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 15 जून तक डायरेक्ट टैक्स वसूली 31 प्रतिशत घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रह गई है. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस दौरान एडवांस टैक्स कलेक्शन में 76 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है, जिससे कुल टैक्स कलेक्शन कम रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020- 21 की पहली तिमाही में 15 जून तक कुल एडवांस कलेक्शन में 76.05 प्रतिशत की भारी गिरावट आई और यह 11,714 करोड़ रुपये पर आ गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 48,917 करोड़ रुपये का रहा था.’’ बता दें कि बजट 2020-21 में टैक्स कलेक्शन 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में टैक्स कलेक्शन 21.63 लाख करोड़ रुपये रहा था.
लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपये
बीते वित्त वर्ष में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती की वजह से कलेक्शन कम रहा था. बजट में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. यह वित्त वर्ष 2019-20 के 10.28 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था के आकार को देखते हुए ये आंकड़े हैरान करने वाले नहीं है. इंडिया रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर जो स्थिति दिख रही है उसे देखते हुए पिछले साल के संग्रह के आंकड़े को छूने की संभावना भी काफी कम है.’’
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इसी तरह की राय जताते हुए रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जो गिरावट आई है, वह अर्थव्यवस्था के गैर-कृषि क्षेत्रों में आने वाली गिरावट के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध कर राजस्व बजट अनुमान से 3.9 लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है.
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