चालू खाते का घाटा बढ़ा, सेवा निर्यात 12.9 अरब डॉलर

भारत से सेवाओं का निर्यात अप्रैल में 12.90 अरब डॉलर रहा है जो अप्रैल 2016 के 12.91 अरब डॉलर के लगभग बराबर ही है. भारतीय रिजर्व बैंक के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में सेवाओं का आयात हल्का सा बढ़कर 7.22 अरब डॉलर रहा है जो अप्रैल 2016 में 7.18 अरब डॉलर था.

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राहुल मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2017,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

भारत से सेवाओं का निर्यात अप्रैल में 12.90 अरब डॉलर रहा है जो अप्रैल 2016 के 12.91 अरब डॉलर के लगभग बराबर ही है. भारतीय रिजर्व बैंक के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में सेवाओं का आयात हल्का सा बढ़कर 7.22 अरब डॉलर रहा है जो अप्रैल 2016 में 7.18 अरब डॉलर था.

वित्त वर्ष 2016-17 के लिए देश से सेवाओं का कुल निर्यात 3.4 प्रतिशत बढ़कर 160.68 अरब डॉलर रहा है. जबकि सेवाओं का आयात 11.4 प्रतिशत बढ़कर95.47 अरब डॉलर रहा है.

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चालू खाते का घाटा चौथी तिमाही में बढ़कर 3.4 अरब डॉलर

चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में बढ़कर 3.4 अरब डॉलर रहा है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.6 प्रतिशत के बराबर है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की इसी अवधि में यह 0.3 अरब डॉलर था. इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक ने आंकड़े जारी किए हैं.

देश का चालू घाटा बढ़ा

हालांकि पिछली तिमाही के आधार पर इसमें गिरावट देखी गई है. वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में यह आठ अरब डॉलर था. चालू खाते के घाटे से आशय विदेशी मुद्रा की आय और व्यय में अंतर है. रिजर्व बैंक ने कहा, सालाना आधार पर चालू खाते का घाटा बढ़ना देश के उच्च व्यापार घाटे को दिखाता है जो 29.7 अरब डॉलर रहा है.

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पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भुगतान संतुलन 21.6 अरब डॉलर रहा जबकि चौथी तिमाही में यह 7.31 अरब डॉलर रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 के लिए चालू खाते के घाटे में गिरावट आयी है जो जीडीपी का 0.7 प्रतिशत रहा है जबकि 2015-16 में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत था. आलोच्य अवधि में कुल व्यापार घाटा घटकर 112.4 अरब डॉलर रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 130.1 अरब डॉलर था.

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