देश के छोटे और मझोले कारोबारियों को आयकर विभाग की ओर से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, कंपनियों को अपनी इनकम टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी का ब्योरा शामिल करने की जरूरत नहीं है. जीएसटी के अलावा सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) का ब्योरा भी नहीं देना होगा. ये नियम 31 मार्च 2021 तक के लिए लागू है. ये लगातार तीसरी बार है जब कंपनियों को ब्योरा देने से राहत मिली है.
क्या कहा सीबीडीटी ने?
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि बोर्ड को परेशानियों को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं. मौजूदा कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. बोर्ड ने कहा, ‘‘कोविड- 19 महामारी से पूरे देश में उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच परख करने के बाद यह तय किया गया कि इसे 31 मार्च 2021 तक के लिए टाल दिया जाना चाहिए.’’
किन्हें टैक्स ऑडिट की जरूरत?
आपको बता दें कि एक करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले कारोबारी इकाइयों, अनुमानित कराधान व्यवस्था के तहत टैक्स देने वाली कंपनियों के मामले में 2 करोड़ रुपये और 50 लाख रुपये से अधिक की सकल प्राप्ति वाले पेशेवरों को टैक्स ऑडिट जरूरतों का अनुपालन करना होता है.
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आयकर विभाग ने जुलाई 2018 में टैक्स ऑडिट फार्म -3सीडी में बदलाव किया था. इसमें जीएसटी के साथ-साथ गार का भी ब्योरा मांगा गया. यह कदम कंपनियों को टैक्स अदायगी से बचने के लिए अपने सौदों को दूसरे देशों के जरिये दिखाने से रोकने के लिए उठाया गया. इन बदलावों को 20 अगस्त 2018 से ही अमल में लाया जाना था. लेकिन समय समय पर इसे अमल में लाने की तिथि आगे बढ़ती रही और अब यह 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है.
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