कोरोना इफेक्ट: S&P ने वित्त वर्ष 2021 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया

स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (S&P) ने भारत के वित्त वर्ष 2020- 21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि पूर्वानुमान को घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. इससे पहले एजेंसी ने 6.5 फीसदी बढ़त का अनुमान जारी किया था. कोरोना वायरस से दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में भारी गिरावट की आशंका को देखते हुए एजेंसी ने भारत के भी जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाया है.

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कोरोना की वजह से धीमी होगी जीडीपी ग्रोथ (फाइल फोटो: रॉयटर्स) कोरोना की वजह से धीमी होगी जीडीपी ग्रोथ (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

  • एसऐंडपी ने घटाया भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
  • एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के अनुमान में भारी कटौती की
  • एसऐंडपी ने सिर्फ 5.2 फीसदी बढ़त का अनुमान लगाया
  • कोरोना के असर की वजह से अनुमान में की गई कटौती

वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (S&P) ने भारत के वित्त वर्ष 2020- 21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि पूर्वानुमान में भारी कटौती की है. एसऐंडपी ने इस घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. इससे पहले एजेंसी ने 6.5 फीसदी बढ़त का अनुमान जारी किया था.

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क्यों घटाया अनुमान

कोरोना वायरस से दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में भारी गिरावट की आशंका को देखते हुए एजेंसी ने भारत के भी जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाया है. इसके पहले एसऐंडपी ने कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भी जीडीपी अनुमान को घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया था.

एजेंसी ने कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ की वजह से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में करीब 620 अरब डॉलर के स्थायी नुकसान का अनुमान लगाया है. हालांकि उसने इसका देशवार ब्योरा नहीं दिया है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, S&P ने कहा है कि उसने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक जीडीपी, मुद्रास्फीति और नीतिगत ब्याज दर के अनुमानों में भी संशोधन किया है.

भारत के लिए एसऐंडपी ने वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया है. इसी तरह उसने इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में देश की जीडीपी में वृद्धि के 7 फीसदी रहने के अनुमान को भी घटाकर 6.9 प्रतिशत किया है.

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चालू वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी वृद्धि के अनुमान को महज 5 फीसदी रखा है. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 7 फीसदी तक बताया है.

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महंगाई घटने का अनुमान

एजेंसी ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति यानी महंगाई की दर चालू वित्त वर्ष के 4.7 प्रतिशत से घटकर अगले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत रह सकती है. इसके बाद 2021- 22 में यह और घटकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है.

इन एजेंसियों ने भी घटाया अनुमान

गौरतलब है कि इसके पहले भी कई रेटिंग एजेंसियों ने कोरोना के प्रकोप की वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है. कोरोना की वजह से ही मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 2020 के कैलेंडर ईयर के लिए घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया है. फिच रेटिंग ने शुक्रवार को ही भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 2020- 21 के लिए घटाकर 5.1 प्रतिशत किया है.

फिच ने दिसंबर 2019 में यह अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के जीडीपी में 5.6 फीसदी की बढ़त होगी. फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से भारत के निवेश और निर्यात पर काफी विपरीत असर पड़ सकता है.

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