सोना और चांदी ने इस साल कमाल का रिटर्न दिया है. शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशक भी इतना मुनाफा नहीं कमा पाए हैं, जितना कि इन मेटल ने पैसा बनाकर दिया है. चांदी ने तो इस साल पैसा डबल से भी ज्यादा कर दिया है, जबकि सोना ने लगभग डबल मुनाफा कराया है.
इस बीच, चुपचाप एक मेटल ने ऐसी ग्रोथ दिखाई है, जिसे लेकर अब कहा जा रहा है कि यह रिटर्न के मामले में सोने और चांदी को मात दे सकता है. इस धातु ने इस साल चांदी के आसपास रिटर्न बनाकर दिया है, जबकि सोने की तुलना में ज्यादा ग्रोथ दिखाई है. हम बात कर रहे हैं प्लैटिनम के बारे में, जिसने इस साल शानदार ग्रोथ दिखाई है और 2026 में भी यह अच्छी तेजी दिखा सकता है.
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कीमती धातुओं के इस बाजार में निवेश करने का अभी भी अवसर हो सकता है. इस बार प्लैटिनम के माध्यम से आप निवेश कर सकते हैं. प्लैटिनम ने चुपचाप बेहतर प्रदर्शन किया है और अब एक्सपर्ट्स इसे उभरते हुए बाजार का नया दावेदार मान रहे हैं.
रिकॉर्ड हाई पर प्लैटिनम के भाव
इस सप्ताह कीमती धातुओं में शानदार तेजी रही. सोने और चांदी के साथ ही प्लैटिनम की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं. बुधवार (24 दिसंबर) को स्पॉट प्लैटिनम की कीमत 3.3% बढ़कर 2,351.05 डॉलर प्रति औंस थी, जबकि इससे पहले यह 2,377.50 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर थी.
सोने और चांदी के विपरीत, प्लैटिनम एक कीमती और औद्योगिक धातु होने के नाते एक सेकेंड्री ऑप्शन रखता है. वर्ल्ड प्लैटिनम इन्वेस्टमेंट काउंसिल (WPIC) के अनुसार, वैश्विक प्लैटिनम बाजार में वर्तमान में कमी है, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिला है और निवेशकों की रुचि फिर से बढ़ रही है.
क्यों आई प्लैटिनम की कीमतों में उछाल
प्लैटिनम की बढ़ती लोकप्रियता का कारण इसकी डिमांड भी है. यह कई सेक्टर में यूज किया जाता है जैसे- ऑटोमोटिव उद्योग में कैटेलिटिक कन्वर्टर, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स और उर्वरक जैसे इंडस्ट्रीज यूज के साथ-साथ मेडिकल उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स में होता है. इसका बड़े लेवल पर यूज होने से आर्थिक मंदी के दौरान भी मांग में स्थिरता बनाए रखने में मददगार होगा. प्लैटिनम अब सोने और चांदी के बाद विश्व स्तर पर तीसरा सबसे अधिक कारोबार किया जाने वाला कीमती धातु है और निवेश की मांग लगातार बढ़ रही है.
निवेशकों की नजर में क्यों है ये मेटल?
जिन निवेशकों को लगता है कि उन्होंने सोने और चांदी में बहुत देर से निवेश किया, उनके लिए प्लैटिनम की हालिया तेजी एक मनोवैज्ञानिक बदलाव का मौका है. बाजार के जानकारों का कहना है कि एक तेजी से चूकने का मतलब यह नहीं है कि पूरे एसेट क्लास का अवसर ही खो गया है.
WPIC के आंकड़ों के अनुसार, प्लैटिनम की मांग के चार सबसे बड़े क्षेत्र ऑटोमोटिव (39%), ज्वेलरी (28%), इंडस्ट्री यूज (24%) और निवेश (9%) है. 2025 के लिए प्लैटिनम की कुल मांग 7.88 मिलियन औंस रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन आपूर्ति संबंधी बाधाएं कीमतों को स्थिर बनाए रखने में सहायक हैं.
वहीं लॉन्गटर्म नजरिया मजबूत बना हुआ है. प्लैटिनम की कीमतें सितंबर 2025 में 2014 के बाद पहली बार 1,500 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गईं और महीने के अंत से पहले 1,600 डॉलर से भी ऊपर पहुंच गईं, जो बाजार में संरचनात्मक मजबूती के फिर से उभरने का संकेत है.
121 फीसदी चढ़ा ये शेयर
भारत में भी प्लैटिनम की कीमतों में ग्लोबल तेजी का असर दिखाई दिया है. गुडरिटर्न्स के अनुसार, 19 दिसंबर को प्लैटिनम का भाव ₹55,350 प्रति 10 ग्राम था. साल की शुरुआत में ₹25,160 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 2025 में अब तक कीमतों में 121% की बढ़ोतरी हुई है. इसी अवधि में सोने की कीमत में 74% और चांदी की कीमत में 132% की वृद्धि हुई है.
(नोट- किसी भी असेट में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क