इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे और सेवाएं (Energy Infrastructure and Services) मुहैया कराने वाली कंपनी सन मोबिलिटी ने विदेशी निवेश से 370 करोड़ रुपये जुटाए हैं. भारतीय कंपनी ने ये फंड दुनिया की सबसे बड़े स्वतंत्र पावर ट्रेडर्स में से एक नीदरलैंड की कंपनी विटोल (Vitol) से जुटाया है.
इलेक्ट्रिक वाहन ऊर्जा अवसंरचना कंपनी सन मोबिलिटी (Sun Mobility) ने बुधवार को कहा कि उसने वैश्विक स्वतंत्र ऊर्जा व्यापारी कंपनी और शून्य-उत्सर्जन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों की निवेशक विटोल से पांच करोड़ डॉलर (करीब 370 करोड़ रुपये) का निवेश हासिल किया है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि विटोल का यह रणनीतिक निवेश पूरे भारत और चुनिंदा वैश्विक बाजारों में सन मोबिलिटी की सेवाओं में तेजी लाने और उनके विस्तार में मदद करेगा. सन मोबिलिटी के को-फाउंडर और चेयरमैन चेतन मैनी (Chetan Maini) हैं.
कंपनी ने कहा कि अपनी सेवा की पेशकश के तहत वह स्वैप प्वाइंट (बैटरी स्वैपिंग स्टेशन) की संख्या बढ़ाकर, विभिन्न मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEM) के साथ साझेदारी करके, नए बिजनेस मॉडल पेश करने के लिए विभिन्न फ्लीट ऑपरेटरों और वितरकों के साथ सहयोग करके और अधिक वाहनों को जोड़कर सभी प्रमुख शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी.
इस समय देश के 15 शहरों में कंपनी के 65 स्वैप प्वाइंट हैं. स्वैप प्वाइंट या बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों की डिस्चार्ज हो चुकी बैटरी की जगह नई बैटरी लगाई जाती है. सन मोबिलिटी का साल 2022 तक भारत में 500 स्वैप पॉइंट लगाने का प्लान है.
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