ग्लोबल मंच पर भारतीय मूल के लोग लगातार नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं. भारतीय मूल की इनवेस्टमेंट एवं डेवलपमेंट बैंकर प्रीति सिन्हा को संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) का एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी बनाया गया है. यह यूएनसीडीएफ का सर्वोच्च पद है.
उनका मुख्य काम दुनिया के कमजोर तबके में महिलाओं, युवाओं, छोटे एवं मध्यम उद्यमों को माइक्रो फाइनेंस के रूप में वित्तीय मदद मुहैया कराने का होगा. सिन्हा ने सोमवार को इस पद को संभाल लिया.
गौरतलब है कि साल 1966 में गठित हुए यूएनसीडीएफ का मुख्यालय न्यूयार्क में है. इसका काम कम विकसित देशों (LDC) को छोटे कर्ज उपलब्ध कराना है. उन्होंने जूडिथ कार्ल की जगह ली है, जो संयुक्त राष्ट्र में अपने 30 साल के करियर के समापन के बाद फरवरी में रिटायर हुए थे.
दिल्ली में किया है काम
प्रीति सिन्हा, फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट एलएलसी की सीईओ और प्रेसिडेंट के रूप में काम कर चुकी हैं, जो जिनेवा की एक डेवलपमेंट फाइनेंस फर्म है. यह संसाधन जुटाने, डोनर रिलेशनशिप, इनोवेटिव कैपिटल मार्केट, पार्टनरशिप, स्ट्रैटिजी, बिजनेस डेवलपमेंट और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की फाइनेंस के लिए इंवेस्टमेंट एडवाइजरी पर फोकस करती है.
इससे पहले, वह नई दिल्ली में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए निजी क्षेत्र के थिंक-टैंक यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट की प्रबंधक थीं. वह अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक में भी काम कर चुकी हैं.
हार्वर्ड से की है पढ़ाई
सिन्हा ने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में हार्वर्ड केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एक्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम से स्नातक किया. वह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से ग्लोबल लीडरशिप में और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पब्लिक एंड प्राइवेट मैनेजमेंट (MPPM) / MBA में मास्टर्स हैं. वह डार्टमाउथ कॉलेज की पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र और कंप्यूटर विज्ञान में अपनी बीए की पढ़ाई की थी.
aajtak.in