देश के कोर सेक्टर में लगातार दो महीने रही तेजी फरवरी में थम गई. फरवरी 2021 में कोर सेक्टर में पिछले छह महीने की सबसे तीव्र गिरावट दर्ज की गई. जानिए क्या कहते हैं आंकड़े..
कोरोना की दूसरी लहर से अनिश्चितता
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर अनिश्चिता का माहौल है. फरवरी में देश के 8 बुनियादी उद्योगों में 4.6% की गिरावट इसकी तस्दीक करती है. जबकि इससे पिछले दो महीनों दिसंबर और जनवरी में क्रमश: 0.2% और 0.9% की वृद्धि दर्ज की गई थी.
सभी 8 उद्योगों का उत्पादन घटा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में कोर सेक्टर के सभी 8 उद्योगों का उत्पादन गिरा है. इसमें इस्पात का उत्पादन 1.8%, बिजली का 0.2%, रिफाइनरी उत्पादों का10.9%, सीमेंट का 5.5%, कोयले का 4.4%, कच्चे तेल का 3.2%, प्राकृतिक गैस का 1% और उवर्रकों का उत्पादन 3.7% गिरा है.
पिछले साल दर्ज की थी 6.4% की वृद्धि
पिछले साल फरवरी में 8 बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 6.4% रही थी. जबकि पिछली बार कोर सेक्टर में इससे बड़ी गिरावट अगस्त 2020 में 6.9% दर्ज की गई थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-फरवरी अवधि में कोर सेक्टर में 8.3% की गिरावट दर्ज की गई है जबकि 2019-20 की इसी अवधि में यह 1.3% की बढ़त लिए था.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रेटिंग एजेंसी इक्रा की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का इस बारे में कहना है कि भले फरवरी में कोर सेक्टर में गिरावट रही हो लेकिन मार्च में इसमें 9 से 11% की बढ़त देखने को मिलेगी. इस तरह 2020-21 की चौथी तिमाही में कोर सेक्टर की वृद्धि दर करीब 2% रहने का अनुमान है.
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