ट्रंप से बन जाएगी बात! बजट में मोदी सरकार कर सकती है ये घोषणा, सस्ते में मिलेंगे अमेरिकी सामान

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में फ्लोरिडा में हुए एक कार्यक्रम में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. अमेरिका भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वहां पर ज्यादा टैरिफ लगने से भारत का निर्यात कम हो सकता है.

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Narendra Modi With Donald Trump Narendra Modi With Donald Trump

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ग्लोबल ट्रेड में काफी बड़े बदलाव होने के कयास लगाए जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा असर तो अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ के कम होने का नजर आ सकता है. इस ट्रेंड से भारत के लिए भी अलग रहना मुश्किल होगा और संभव है कि भारत भी अमेरिका से इम्पोर्ट किए जाने वाले कुछ महंगे सामानों के टैरिफ में कमी कर सकता है. 

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दरअसल, इसका फायदा जहां अमेरिका को ज्यादा निर्यात करने के तौर पर मिलेगा वहीं भारतीयों को भी कुछ इम्पोर्टेड सामानों के लिए कम रकम चुकानी होगी. अनुमान है कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण में अमेरिकी सामानों पर इन कटौतियों का ऐलान कर सकती हैं.

भारत का बड़ा व्यापारिक साझीदार है US
जिन सामानों पर टैरिफ कम किए जाने की संभावना है उनमें शामिल हैं स्टील, महंगी मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रॉनिक सामान. ट्रम्प ने हाल ही में फ्लोरिडा में हुए एक कार्यक्रम में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. अमेरिका भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वहां पर ज्यादा टैरिफ लगने से भारत का निर्यात कम हो सकता है. 

2023-24 में दोनों देशों के बीच 118 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार हुआ था जिसमें भारत का ट्रेड सरप्लस 41 अरब डॉलर रहा था. भारत अपना 17 फीसदी से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है. भारतीय फल और सब्जियों समेत कृषि उत्पादों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा खरीदार है. 2024 में अमेरिका ने भारत से 18 मिलियन टन चावल भी आयात किया था. लेकिन अमेरिका की नाराजगी इस बात से है कि अमेरिका से आयात किए जाने वाले करीब 20 सामानों पर भारत 100 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगाता है. 

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एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंट्रोल करता है टैरिफ!
बता दें, दूसरे देशों से एक्सपोर्ट किए गए प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को कम या ज्यादा करके ही देश एक दूसरे के साथ व्यापार को नियंत्रित करते हैं. आयातित सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाकर घरेलू सामान की कीमतों को कम रखकर उनकी बिक्री बढ़ाने की कोशिश देश करते हैं. लेकिन टैरिफ एक सीमा से ज्यादा ना लगाया जा सके इसके लिए सभी देश विश्व व्यापार संगठन के साथ बातचीत करके एक बाउंड रेट तय करते हैं. अब जब अमेरिका कई देशों के लिए ट्रेड सरप्लस की वजह बन रहा है तो वो भी चाहता है कि US को ज्यादा सामान निर्यात करने देश भी अब अमेरिकी प्रॉडक्ट्स के लिए टैरिफ कम करके अपने दरवाजे खोलने का काम करें. 

BRICS को हुई टैरिफ की टेंशन!
चुनावी कैंपेन के दौरान ट्रम्प ने BRICS देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. उनका कहना था कि BRICS देशों ने अगर ट्रेड के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह, कोई नई करेंसी बनाई तो उन्हें अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट पर 100 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. भारत, ब्राजील और चीन तीनों ही BRICS के सदस्य हैं. ऐसे में अगर अमेरिका 100 फीसदी टैरिफ लगाता है तो अमेरिकी बाजारों में भारतीय उत्पाद दोगुनी कीमत पर बिकेंगे जिससे अमेरिकी जनता के बीच इनकी मांग घट सकती है.

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