हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारत के तेजी से बढ़ते फिनटेक सेक्टर को दुनिया के प्रमुख फिनटेक मार्केट्स में शुमार किया गया है. ऐसे में इस सेक्टर को और आगे बढ़ने के लिए ऐसे बजट की उम्मीद है, जिससे मझोले शहरों से अब छोटे शहरों में भी कंपनियां अपना कारोबार बढ़ा सकें. इसमें खासकर ये भी कहा गया है कि महिलाओं की लीडरशिप वाले कारोबार पर अलग से ध्यान दिया जाए.
फिनटेक कंपनियों (Fintech Company) को बीते एक साल से में कई रेगुलेटरी बदलावों और सुधारों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में अब इन कंपनियों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वो बजट में MSME को कर्ज समाधानों के साथ ज्यादा मजबूत बनाएंगी. इससे देश के युवाओं की स्किल को भी सुधारने में मदद मिलेगी.
सस्ते दर पर लोन की मांग
फिनटेक कंपनियों को सस्ता लोन मुहैया कराने के लिए इंडिया फिनटेक क्रेडिट फंड के गठन की उम्मीद है. इससे डिजिटल उधारी देने वालों को बड़े स्तर में फाइनेंस मिल पाएगा.
IFCF जैसे क्रेडिट फंड स्थापित होने से कर्ज देने वाले फिनटेक की पहुंच देशभर में होने का अनुमान है. इससे वो महिलाओं को जरुरत के मुताबिक कर्ज मुहैया करा पाएंगे. IFCF के गठन के साथ ही फिनटेक सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में उनका वित्तीय बोझ कम करने के उपायों का भी एलान होगा.
टैक्स में भी छूट की मांग
इसके अलावा बजट में फिनटेक कंपनियों आर्थिक बोझ घटाने के लिए जो डिमांड कर रही हैं उनमें शामिल हैं, टैक्स में छूट मिले. फिनटेक कंपनियों को फलने-फूलने के लिए माहौल बनाया जाए. ऐसा होने पर फिनटेक कंपनियां ऐसे उत्पाद और सोल्यूशन मुहैया करा पाएंगी कि जो ग्राहकों और कारोबार के लिए ज्यादा फायदेमंद होंगे. बजट से की जा रही है ये डिमांड इस क्षेत्र की बढ़ती ताकत को देखते हुए वााजिब कही जा सकती हैं.
दरअसल, सेंटर फॉर एडवांस फाइनैंशियल रिसर्च ऐंड लर्निंग यानी CAFRAL की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2021 के दौरान 14,000 नए स्टार्टअप की स्थापना हुई, जिनमें से आधे फिनटेक उद्योग से थे. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2030 तक फिनटेक की उधारी बैंक से ज्यादा हो सकती है.
जाहिर है बैंकिंग समेत जिस फाइनेंशियल सेक्टर की मजबूती के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ लगातार बढ़ रही है उसकी अनदेखी सरकार बजट में नहीं करेगी.
आदित्य के. राणा