12 साल बाद इस टैक्‍स का The End... बिजनेस शुरू करने वालों के लिए गोल्‍डन चांंस, विदेश से भी आएगा पैसा!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार, 23 जुलाई को बजट भाषण में नए बिजनेस को बढ़ावा देने सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स समाप्त कर दिया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने मंगलवार को बजट में एक बड़ा ऐलान करते हुए 12 साल बाद UPA सरकार में शुरू किए गए एक टैक्‍स को खत्म कर दिया. यह Tax कांग्रेस सरकार ने साल 2012 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए शुरू किया था, लेकिन अब NDA सरकार ने इसे स्‍टार्टअप और निवेश को बढ़ावा देने के मद्देनजर इस टैक्‍स को खत्‍म कर दिया है. 

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12 साल बाद कौन सा टैक्‍स खत्‍म हुआ? 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार, 23 जुलाई को बजट भाषण में नए बिजनेस को बढ़ावा देने सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स समाप्त कर दिया है. इस साल की शुरुआत में अंतरिम बजट में सरकार ने स्‍टार्टअप्‍स और सॉवरेन वेल्‍थ या पेंशन फंड की ओर से समर्थित निवेशों के लिए टैक्‍स टैक्‍स प्रोत्‍साहन को मार्च 2025 तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव रखा था. 

क्‍या है एंजल टैक्‍स? 
एंजल टैक्स (Angel Tax) को आयकर अधिनियम (ITA) की धारा 56(2)(viib) के रूप में जाना जाता है. इसे 2012 में पेश किया गया था. यह टैक्‍स उनपर लगता है, जो स्‍टॉर्टअप्‍स या नॉन लिस्‍टेड कंपनियों के लिए फंडिंग लेते हैं. स्‍टॉर्टअप्‍स या नॉन लिस्‍टेड कंपनियों द्वारा लिए गए फंड पर Angel Tax लगाया जाता है. यह टैक्‍स तब लगता था, जब कंपनी के शेयरों के मार्केट प्राइस से ज्‍यादा प्रीमियम पर फ‍ंडिंग मिलती थी.  

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2012 के वित्त अधिनियम ने मनी लॉन्ड्रिंग और बेहिसाब धन के प्रवाह से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए ITA में यह प्रावधान जोड़ा था हालांकि, यह स्टार्टअप्स और निवेशकों के बीच विवाद का विषय बन गया, जिन्हें लगा कि यह नवीनीकरण और फंड जुटाने में बाधा है. 

खुद का बिजनेस शुरू करने वालों के लिए गोल्‍डन चांस? 
एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि अगर कोई व्‍यक्ति खुद का व्‍यवसाय शुरू करना चाहता है या पहले से कोई व्‍यवसाय है तो सरकार का यह कदम बड़ी राहत देगा. सांचीकनेक्‍ट के CEO सुनील शेखावत का कहना है कि अब किसी भी स्टार्ट-अप को एंजल से मिलने वाली कोई भी फंडिंग टैक्सेबल नहीं होगी. इसका मतलब है कि स्‍टार्टअप के लिए एक वित्तीय बोझ कम हो चुका है और वे इस पैसे को कहीं और यूज कर सकते हैं. 

विदेशों से भी आएंगे निवेश
एंजल टैक्‍स खत्‍म होने से अब नए स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय कंपनियों में निवेश की रुचि रखने वाले विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे. स्‍टार्टअप अब विदेशी निवेशकों के लिए रास्‍ते को और आसान बनाने का प्रयास करेंगी और ज्‍यादा फंड लेने की कोशिश करेंगे. 

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