सर्दियों के मौसम में कोहरा आम बात है जिसका असर रोजमर्रा के कामों पर भी पड़ता है. कोहरे की वजह से गाड़ियों की रफ्तार कम हो जाती है. देश में कोहरे का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और दक्षिणी पंजाब में होता है.
सर्दियों में कोहरे का कहर
दरअसल कोहरे के दौरान गाड़ी चलाने वालों को खासी दिक्कतें आती हैं. कम विजिबिलिटी होने से रोड का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं होता है. ऐसे में लोग कोहरे को चीरने के लिए फॉग लाइट का इस्तेमाल करते हैं. फॉग लाइट की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के खतरे को कम किया जा सकता है.वैसे आजकल सभी कारों में पिछली विंडशील्ड पर भी डिफॉगर आने लगा है. क्योंकि कोहरे और धुंध में फॉग लैंप्स काफी मददगार साबित होते हैं. यह कार में आगे और पीछे दोनों तरफ लगे होते हैं. यह सामने वाले और पीछे चल रहे वाहन को आपकी दिशा की जानकारी देते हैं.
हेडलाइट हाई-बीम रखना खतरनाक
फॉग लाइट कम बीम का उत्सर्जन करती है, सड़क की सतह पर नीचे की ओर पड़ती है जो रोशनी को फैलाव से रोकता है. धुंध में हेडलाइट हाई-बीम पर रखना आपके साथ-साथ सामने से आ रहे वाहन के लिए भी खतरनाक हो सकता है. खासकर ऐसे रास्तों पर जहां डिवाइडर न हो. क्योंकि जब कोहरे के दौरान हेडलाइट हाई-बीम में होती है तो सामने से आने वाले वाहन चालक को चमकती लाइट के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता है.सड़क पर समझदारी से चलाएं वाहन
हेडलाइट हाई-बीम में गाड़ी चलाना ट्रैफिक नियम के खिलाफ माना जाता है, इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन अक्सर लोग जानबूझकर इस तरह की गलती करते हैं. इसके अलावा कोहरे में ज्यादा रफ्तार में ड्राइविंग मतलब दुर्घटना को न्योता, इसलिए स्पीड लिमिट से कम स्पीड में ही ड्राइव करना ही बेहतर होगा. कोहरे में बार-बार लेन बदलना हादसे का कारण बन सकता है.हजार्ड लाइट ऑन कर ड्राइविंग गलत
कुछ लोग कोहरे के दौरान हैजार्ड लाइट (दोनों इंडीकेटर ऑन) को ऑन करते हुए ड्राइविंग करते हैं, जोकि बिल्कुल गलत है. क्योंकि इससे पीछे वाले वाहन को आपकी सही स्थिति का पता नहीं चल पाता है. लेन बदलने या मुड़ने के दौरान हादसे होने का अंदेशा हो सकता है. इसका इस्तेमाल तभी करें जब आपकी कार रुकी हो.
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