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aaj tak
Credits

Data source : IMD Pune

Story: Raka Mukherjee

Creative Director: Rahul Gupta

Illustrations: Raj Kishore Verma

UX/UI: Vishal Rathour

हाय
गर्मी

aajtak.in की पेशकश

दिल्ली की रहने वालीं नीलोफर 1970 के दशक में पड़ने वाली गर्मियों को आज भी याद करतीं हैं. उस समय गर्मी दो महीने ही चलती थी. मार्च तक लोग स्वेटर पहने रखते थे. उस समय गर्मी का मतलब था दिनभर पंखे के नीचे लेटे रहना और शाम को अपने दोस्तों के साथ खेलने बाहर जाना. लू उस समय भी चलती थी, लेकिन शाम को सूरज ढलने के बाद दिल्ली में ठंडक आ जाती थी. गर्मी से निपटने के लिए छतों पर ठंडा पानी डालते, ताकि घर को ठंडा रखा जा सके. बस उस समय इतना ही बहुत था.

अब नीलोफर बड़ी हो गईं हैं. अब दिल्ली में उनकी गर्मी का अनुभव पूरा बदल गया है. वो बिना छतरी के घर से बाहर नहीं निकल सकतीं, रात में बिना एसी के सो नहीं सकतीं. दिल्ली में उनका घर और उनका जीवन, दोनों मॉडर्न हो गया है, लेकिन दिल्ली की गर्मियां तेजी से गर्म होती जा रहीं हैं.

15 मई 2022 को दिल्ली का तापामान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो हाल के इतिहास में सबसे ज्यादा है. सिर्फ दो महीने में ही दिल्ली में कई बार हीट वेव आ चुकी है और विशेषज्ञों का कहना है कि अभी हीट वेव के और दौर आने बाकी हैं. लेकिन, ऐसा नहीं है कि सिर्फ दिल्ली ही जल रही है, बल्कि बीते 50 सालों में भारत के कई हिस्सों में तापमान तेजी से बढ़ा है. कई हिस्सों में औसत तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है.

मौसम विभाग की ओर से इंडिया टुडे के साथ साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1971 में सबसे ज्यादा 44.9 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया था. जबकि 2021 में, 47.3 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. ये बताता है कि भारत तेजी से गर्म हो रहा है.

इस साल भीषण गर्मी ने उत्तर भारत को बुरी तरह जकड़ लिया. कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया. दिल्ली के कई इलाकों में 47 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया. उत्तर पश्चिम दिल्ली के मुंगेशपुर में 49.2 डिग्री सेल्सियस तो दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में 49.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. मुंगेशपुर और नजफगढ़ नए स्टेशन हैं, इसलिए उनका पिछला कोई डेटा नहीं है.

मौसम विभाग ने लोगों को घर से बाहर न निकलने और घर में ही रहने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि हीट वेव बच्चों, बुजुर्गों और बीमारियों से जूझ रहे लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है.

वैज्ञानिकों ने दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे तापमान के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है. नई दिल्ली स्थित काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वायर्मेंट एंड वॉटर (CEEW) के मुताबिक, भारत में जलवायु से जुड़ी घटनाओं में 2005 के बाद से 200 फीसदी का इजाफा हुआ है. लैंसेट की एक स्टडी बताती है कि भारत में ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी की वजह से हर साल 7 लाख से ज्यादा मौतें हो रहीं हैं. इनमें से 83,700 लोगों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हो गई.