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शुक्रवार की रात आपने डिनर में क्या खाया? कितना खाया? स्विगी या जोमैटो को ये पता है. वो ये भी जानते हैं कि आप वेजिटेरियन हैं या नॉन वेजिटेरियन.



क्या आप हर रविवार अपने घर से 10 KM दूर रेस्टोरेंट में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाते हैं. ओला या उबेर ये जानते हैं, आपके फोन के GPS से जुड़े अन्य ऐप भी.



आप हर 15 दिन में नजदीक के मॉल से शॉपिंग करते हैं, ये पेटीएम भी को पता है और गूगल भी जानता है क्योंकि वो आपकी लोकेशन ट्रैक करता है



आप हर महीने कितना पैसा किस चीज पर खर्च करते हैं ये गूगल को पता चलता रहता है क्योंकि आपके ज्यादातर परचेज ऑर्डर जीमेल पर आते ही हैं.



आपकी सैलरी-खर्चों का पूरा हिसाब आपके SMS एप को है क्योंकि हर ट्रांजैक्शन का SMS आता है. गूगल भी ये जानता है. अगर आप वॉट्सऐप पेमेंट यूज करते हैं तो फेसबुक भी.




क्या आपको हॉरर फिल्में पसंद हैं. आप भले ही जवाब न देना चाहें लेकिन नेटफ्लिक्स, अमेजन और आपका स्मार्ट टीवी सब जानते हैं. ये भी कि आप कब और क्या देखते हैं.




गूगल और फेसबुक दोनों जानते हैं कि आप उसके साथ खुले दूसरे टैब में क्या देख या पढ़ रहे हैं. यूट्यूब को पता है कि आपको एलियन के वीडियो पसंद हैं.



क्या कोई ऐसा दोस्त है जिससे आप हर रात दो घंटे चैट करते हैं? वॉट्सऐप उसे जानता है. वो भले आपके मैसेज न पढ़ पाए लेकिन आप चैट कर रहे थे ये उसे पता है.





आप पिछले साल 2020 में कहां-कहां गए,(जी हां, लॉकडाउन के दौरान भी) सभी शहरों-जगहों के बारे में गूगल जानता है.




फेसबुक जानता है कि आपको बिल्लियां पसंद हैं. आप अक्सर उसपर बिल्लियों के फोटो लाइक करते हैं. वो जानता है कि आप अकेले हैं क्योंकि आपने “meet single women in your area” विज्ञापन पर क्लिक किया था.



क्या आप वामपंथी हैं? आपके दोस्त भले न जानें लेकिन अमेजन जानता है क्योंकि आपने अमेजन से कम्युनिज्म पर कई किताबें मंगवाई हैं और वो इसे जानता है.




...क्योंकि आपका फोन सब जानता है!
क्या आप वेब ब्राउसिंग करते समय अपने जीमेल का टैब खुला रखते हैं. या फेसबुक का. खैर गूगल और फेसबुक दोनों जानते हैं कि आप दूसरे टैब में क्या देख या पढ़ रहे हैं. और एपल को तुरंत पता चल जाता है
सुबह-सुबह आपका मूड खराब है?
फेसबुक को ये पता है क्योंकि आपने एक फेसबुक पोस्ट के जवाब में लिखा है-ये बकवास है. मेरे पूरे इलाके में रात भर पावर कट रहा. मेरी सुबह बर्बाद हो गई है.
और हां, उनको ये भी पता है कि आप आलसी इंसान हैं जो सुबह उठकर एक्सरसाइज नहीं करता इसलिए न तो आपको एडिडास और न नाइकी के जूतों के एड दिखाए जाएंगे. आपको विज्ञापन दिखाए जाएंगे सैंडविच मेकर के, 10 मिनट में स्वादिष्ट आलू सैंडविच बनाकर तैयार कर देने वाला सैंडविच मेकर.


9 बजे तक आप ऑफिस के लिए निकलते हैं गूगल उबेर (एपल के मामलों में आईफोन), एयरटेल या जिओ के ऐप, फेसबुक जैसे ऐप जानते हैं कि आप अभी रास्ते में हैं और ऑफिस पहुंच रहे हैं. आपका ऑफिस 7, फिल्म सिटी नोएडा सेक्टर 16ए में है. वे ये भी जानते हैं कि आप इसकी चौथी मंजिल पर बैठते हैं क्योंकि आपका जीपीएस और हेल्थ बैंड का ट्रैकर आपकी ऊंचाई पर मौजूदगी का डेटा भी एकत्र करता रहता है. आप आलसी हैं ये अब उनको कन्फर्म हो गया है क्योंकि आप तो लिफ्ट से जाते हैं, कभी सीढ़ियां इस्तेमाल नहीं करते. तो निश्चित रूप से आपको स्पोर्ट्स शूज के एड नहीं मिलेंगे.
11 बजे आप ऑफिस से निकलकर पास के बैंक गए. आपके बॉस को भले ही ये नहीं पता चला लेकिन आपके फोन को पता है. उसे जानकारी है कि आपने ऑफिस से कुछ देर के लिए छुट्टी मारी, दो किलोमीटर दूर बैंक गए और फिर 25 मिनट बाद लौटे. बैंक में आपने क्या किया, ये भी उसे पता है.आपने 10 हजार रुपये निकाले क्योंकि 11.15 पर आपको मैसेज मिला जिसमें फोन को पैसे निकालने की बात पता चली.
आपका बर्गर आया और आपने उसका फोटो खींचकर फेसबुक पर डाल दिया. लजीज था न लेकिन फेसबुक ने देख लिया है कि आपके बर्गर के बीच में पैटी चिकन की है. अब वो जानता है कि आप नॉन वेजिटेरियन हैं. अगली बार आप इंस्टाग्राम खोलेंगे तो आपको नॉनवेज बर्गर के नजदीकी रेस्टोरेंट के विज्ञापन दिखेंगे. क्योंकि इंस्टाग्राम भी फेसबुक का ही है.
11 बजे आप बिस्तर पर हैं. आपका फोन ये जानता है और कई सारे ऐप भी. पिछले 30 मिनट से आपका फोन चार्जर पर है और ये उठा नहीं है. पांच नोटिफिकेशन आने के बाद भी.
12 बजे आपका फोन अब भी चार्जर पर है और ये पिछले एक घंटे से नहीं उठा है. आपका फिटनेस ट्रैकर बताता है कि आपके दिल की धड़कन अब सामान्य है और आप अब गतिशील नहीं हैं. आप आराम की मुद्रा में आ चुके हैं. ऐप्स, गूगल, फेसबुक, आपका फोन सबने टाइम नोट कर लिया है. आप 11 बजे सोए भी वो जानते हैं.