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'अगर भारत ने अमेरिकी वोटर पर 2 करोड़ डॉलर खर्च किए होते तो...', अमेरिकी मीडिया में ही उठने लगे सवाल

अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज के होस्ट और पॉपुलर पॉलिटिकल कमेंटेटर जैस वॉटर्स ने कहा कि अगर कोई देश अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करता है तो उस पर काफी हो-हल्ला मचाया जाता है लेकिन अगर अमेरिका किसी देश में इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होता है तो उसे अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य की मजबूती से जोड़कर देखा जाता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

अमेरिका की ओर से भारत को दी जानी वाली दो करोड़ डॉलर की फंडिंग रोकने के फैसले पर मचे बवाल के बीच अमेरिका के एक न्यूज चैनल ने अमेरिकी सरकार के दोहरे मानदंड़ों पर सवाल उठाए हैं.

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अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज के होस्ट और पॉपुलर पॉलिटिकल कमेंटेटर जैस वॉटर्स ने कहा कि अगर कोई देश अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करता है तो उस पर काफी हो-हल्ला मचाया जाता है लेकिन अगर अमेरिका किसी देश में इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होता है तो उसे अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य की मजबूती से जोड़कर देखा जाता है.

पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन पर तंज कसते हुए वॉटर्स ने कहा कि मान लीजिए अगर भारत सरकार अमेरिका में वोटर टर्नआउट के लिए दो करोड़ डॉलर खर्च करती और ट्रंप जीत जाते. तो इसे चुनावी दखल माना जाता लेकिन जब हम यही चीजें करते हैं तो इसे राजनीतिक परिदृश्य की मजबूती से जोड़कर देखा जाता है. फॉक्स न्यूज होस्ट ने अमेरिका की ओर से बांग्लादेश में भी इसी तरह की फंडिंग का मुद्दा उठाया.

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बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दो करोड़ डॉलर की अमेरिकी फंडिंग रोकने के DOGE विभाग के फैसले का बचाव किया है. उन्होंने भारत जैसे देश को इस तरह की मदद देने की जरूरत पर सवाल उठाया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हम भारत को दो करोड़ डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है. वे दुनिया में सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाले देशों में हैं. उनके टैरिफ भी बहुत अधिक हैं. मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं लेकिन वोटर टर्नआउट के लिए दो करोड़ डॉलर क्यों देना?

बता दें कि एलॉन मस्क की अगुवाई में 16 फरवरी को DOGE ने विभिन्न देशों की फंडिंग रोकने की घोषणा की थी, जिसमें भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए दो करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल थी. DOGE कहा था कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए दो करोड़ डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है. 

दरअसल अमेरिका भारत में चुनावों के दौरान मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए दो करोड़ डॉलर इसलिए देता था. लेकिन अब ये फंडिंग भारत को नहीं मिलेगी.

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