अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं और शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की यह बैठक नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में बंद कमरे में हुई. मुलाकात के दौरान तालिबानी मंत्री ने भारत से साफ कहा कि वो अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देगा. उनका सीधा इशारा पाकिस्तान की तरफ था.
विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुत्ताकी ने कहा कि उनकी जयशंकर से बातचीत 'सार्थक और दूरदर्शी' रही. दोनों पक्षों ने व्यापार, विकास और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई है.
उन्होंने कहा, 'हम भारत के इस फैसले का स्वागत करते हैं कि वो अफगानिस्तान में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को जारी रखेगा और उनका दायरा भी बढ़ाएगा.' मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में आए हाल के भूकंप और बाढ़ के दौरान भारत की मानवीय मदद के लिए भी आभार भी जताया.
मुत्ताकी ने घोषणा की कि दोनों देशों ने एक संयुक्त व्यापार समिति के गठन का फैसला किया है. यह समिति द्विपक्षीय व्यापार में मौजूद मुश्किलों को दूर करने का काम करेगी. अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में वापसी से अफगानिस्तान और भारत की आर्थिक साझेदारी ठप पड़ी हुई है. यह समिति आर्थिक साझेदारी को गति देने का काम करेगी.
सुरक्षा को लेकर तालिबानी विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'हमने सुरक्षा सहयोग पर विस्तार से चर्चा की. हम अफगान जमीन को किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे. इस मुद्दे पर दोनों पक्ष संपर्क में बने रहेंगे.'
पाकिस्तान और उसके पाले-पोसे आतंकी पूर्व में अफगानिस्तान की धरती को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करते रहे हैं. भारत तालिबान के समक्ष यह बात रखता रहा है जिसे देखते हुए तालिबानी विदेश मंत्री ने भारत को यह आश्वासन दिया.
पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए मुत्ताकी ने चेताया कि उसे 'सीमा पार की कार्रवाइयों' से बाज आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की स्ट्रैटजी से किसी समस्या का हल नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा, 'अफगान जनता के धैर्य और साहस को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए. अगर किसी को शक है तो वो ब्रिटेन, सोवियत रूस या अमेरिका से पूछ ले.'
हालांकि, मुत्ताकी ने इस तीखी टिप्पणी के बाद नरम रुख अपनाते हुए कहा कि अफगानिस्तान भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ 'शांतिपूर्ण और दोस्ताना संबंध' चाहता है. उन्होंने कहा, 'लेकिन यह एकतरफा तरीके से संभव नहीं होगा.'
सूत्रों के अनुसार, जयशंकर और मुत्ताकी की बैठक में मुख्य रूप से अफगानिस्तान में भारत की विकास सहायता और भविष्य के सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई. भारत ने पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और संसद भवन जैसी पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट्स में 3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है.