कनाडा ने 20 साल के पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद शाहजेब खान को अमेरिका को सौंप दिया गया है. उसपर आरोप है कि वह अमेरिका में 7 अक्टूबर 2024 को यानी इजरायल पर हमास के हमले की पहली बरसी पर न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में यहूदियों का नरसंहार करना चाहता था. उसने बाकायदा इसकी प्लानिंग बनाई थी और उसे अंजाम देने की तैयारी के साथ अमेरिका में दाखिल होना चाहता था. लेकिन उससे पहले ही सितंबर 2024 में कनाडा और अमेरिका की सीमा पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अब अमेरिकी एजेंसियों के हवाले कर दिया गया.
पाकिस्तान में आतंक की पौध
अमेरिका ने अपने जमीन पर एक बड़े आतंकी हमले को रोक लिया और इस काम में कनाडा ने उसकी मदद की. लेकिन ऐसी मदद भारत को अपने यहां होने वाले आतंकी हमलों के खिलाफ कार्रवाई में बड़ी मुश्किल से मिलती है. तभी तो 26/11 के आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यार्पित कराने में भारत को 17 साल मशक्कत करनी पड़ी. जबकि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी डेविड कोलमैन हैडली के प्रत्यर्पण की भारतीय अपील को अभी तक लटकी ही है.
ये भी पढ़ें: 9/11 से बड़े हमले की साजिश, यहूदियों की हत्या का प्लान... जानें- कनाडा से डिपोर्ट PAK आतंकी शाहजेब कौन
मोहम्मद शाहजेब खान, पाकिस्तान से निकली वो पौध है जिसकी सोच में इजरायल का वजूद ही गलत और गैरकानूनी है, जो कट्टरपंथी सोच के साथ मजहब का वो तंग नजरिया रखती है जिसमें दूसरों की अलग सोच के लिए कोई जगह ही नहीं है. साथ ही यह वो लोग हैं जो अमेरिका, कनाडा समेत पश्चिमी मुल्कों में मौजूद अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल उन्हीं मुल्कों के खिलाफ करते हैं.
पाक में छुपा बैठा था लादेन
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब पश्चिमी मुल्कों की धरती पर पाकिस्तानी नागरिकों की जिहादी सोच और करतूतों का आतंकी एंगल दुनिया के सामने उजागर हुआ हो. यह फेहरिस्त बहुत लंबी है. अमेरिका पर हुए अब तक के सबसे खौफनाक आतंकी हमले यानी 9/11 का मास्टर माइंड खालिद मोहम्मद शेख 2003 में पाकिस्तान से पकड़ा गया. वहीं इस हमले से लेकर अल-कायदा को खड़ा करने वाले ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी कमांडोज ने पाकिस्तानी जमीन पर ही साल 2011 में एबटाबाद में मार गिराया था.
ये भी पढ़ें: अमेरिका में हमले की पाकिस्तानी साजिश! काश पटेल ने खोली शाहजेब की साजिशों की पोल
इतना ही नहीं, अमेरिका में न्यूयॉर्क के सबसे ज्यादा चर्चित और चकाचौंध भरे टाइम्स स्क्वैयर पर टाइम बम धमाके की तैयारी कर रहे जिस फैसल शहजाद को गिरफ्तार किया गया वो भी पाकिस्तानी मूल का ही था. इसके अलावा अमेरिका में आतंकी हमले की साजिश में 86 बरस की सजा काट रही आफिया सिद्दीकी भी पाकिस्तान की ही रहने वाली थी.
कनाडा में बढ़ता कट्टरपंथ
मोहम्मद शाहजेब का यह ताजा मामला कनाडाई जमीन पर बढ़ते कट्टरपंथी की तरफ भी इशारा करता है. भारत विरोधी, खालिस्तानी और कट्टरपंथी सोच के लोग कनाडा में मिल रही आजादी का इस्तेमाल आतंक की खेती के लिए कर रहे हैं यह बात भारतीय खेमा लगातार उठा रहा है. वहीं शाहजेब के मामले ने इसका एक और ताजा उदाहरण दे दिया है. जाहिर है जी-7 की बैठक में कनाडा की जमीन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब आतंकवाद के मुद्दे पर साझा और सख्त कार्रवाई पर दुनिया का ध्यान खींचने की एक और कोशिश करेंगे तब शाहजेब का मामला भी उनकी बात को मजबूती देगा.
कौन है शाहजेब खान
शाहजेब खान पाकिस्तानी मूल का नागरिक है जो स्टूडेंट वीजा पर कनाडा आया था. वहां रहते हुए उसने ISIS के साथ मिलकर अमेरिका में यहूदी समुदाय को निशाना बनाने का प्लान बनाया और इसके लिए एक तारीख को चुना. यह तारीख 7 अक्टूबर 2024 की थी, जो इजरायल पर हमास के हमले की पहली बरसी थी, जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा अगवा हुआ थे.
शाहजेब ने अपने कुबूलनाम में कहा था कि वह इस हमले में इतने लोगों को मारेगा कि ये 9/11 के बाद इसे अमेरिका में सबसे बड़ा हमला माना जाएगा. शाहजेब एक ऑफलाइन आतंकी सेल बनाना चाहता था, जिसके जरिए वह राइफल और ऑटोमैटिक हथियार खरीदने का प्लान बना रहा था. अमेरिकी एजेंसी FBI को जब मुखबिर के जरिए इस साजिश को पता चला तो उनके होश उड़ गए. इसके बाद एजेंसी ने शाहजेब पर नजर रखनी शुरू कर दी.
ये भी पढ़ें: आतंकी हमले की हिमाकत की तो घर में घुसकर मारेंगे... पाकिस्तान को जयशंकर की सख्त चेतावनी
अमेरिकी अंडरकवर एजेंट ने शाहजेब को कॉन्टैक्ट किया, जिसके बाद वह ट्रैप में फंस गया. बिना पहचाने शाहजेब ने एजेंट से हथियार खरीदने और अमेरिका में दाखिल होने के लिए मदद मांगी. FBI को जब उसकी प्लानिंग के बारे में ठोस सबूत मिल गए तो सितंबर 2024 में कनाडा के क्यूबेक प्रांत से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. यह इलाका अमेरिकी बॉर्डर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. गिरफ्तारी के बाद शाहजेब को कोर्ट में पेश किया गया और अब उसे अमेरिका डिपोर्ट किया गया है.